मोदी नही गुजराती सेठ और उनके मित्र अडानी देश के बे रोजगारों को कितना देते है रोजगार?

विशेष
संवाददाता एवं ब्यूरो

गुजराती सेठ और मोदी के मित्र अडानी देश के लोगों रोजगार देते हैं?
कितना?

एक लाख? दो लाख? चार लाख?
दस लाख?
घंटा…

पूरे अदानी ग्रुप में मात्र 23,000 लोग काम करते हैं।
आप कहेंगे कि ये भी ठीक है। नहीं, ठीक नहीं है। बाकी सारी कंपनियों लाखों में रोजगार देती हैं। आइए डिटेल देते हैं।
जिस गुजराती सेठ अदानी के लिए एलआईसी का 35000 करोड़ डुबा दिया, वह एलआईसी अकेले 1,15,000 लोगों को नौकरी दे रही है। इसके अलावा एलआईसी के लगभग 14 लाख एजेंट हैं जो अपनी मेहनत से कुछ न कुछ कमाते हैं।

रुको जरा, सबर करो। अभी और बाकी है.

बात दे कि मोदी ने गद्दी संभालते ही गुजराती सेठ अडानी को एसबीआई से 6000 करोड़ दिलवाए थे। वह एसबीआई देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक हैऔर 2,45,000 लोगों को पक्की सरकारी नौकरी देता है। गुजराती अदानी सेठ से 11 गुना ज्यादा। तो गुजराती सेठ अडानी के लिए एसबीआई को क्यों दांव पर लगाया?

जाने भारत में सबसे ज्यादा रोजगार कौन देता है?

आज भी सबसे ज्यादा सरकारी विभाग। अकेले भारतीय सेना 14,00,000 लोगों को रोजगार देती है।
भारतीय रेलवे 12,54,000,
अर्धसैनिक बल 8,90,000,
डाक विभाग 4,66,000,
कोल इंडिया 2,72,000
नौकरी देता है।
इन संस्थाओं को जिस गुजराती सेठ अडानी के हाथों बेचा जा रहा है वह सिर्फ 23000 रोजगार देता है।
भारत में और भी उद्योगपति हैं। उनको देखिए। टाटा समूह 9,35,000 रोजगार देता है।

इंफोसिस 3,46,000,
Larsen & Toubro 3,06,000,
महिंद्रा समूह 2,60,000,
विप्रो 2,50,000,
रिलायंस ग्रुप 2,30,000,
माइक्रोसॉफ्ट 2,21,000,
HDFC 1,41,000,
HCL 2,22,270
और Quess Corporation 3,83,000 लोगों को नौकरी दे रही है।

जबकि अमेरिकी कंपनी Accenture भारत में 3 लाख और अमेजन इंडिया 1 लाख लोगों को नौकरी दे रही है।
भारत का सबसे बड़ा धनकुबेर गुजराती सेठ अडानी रोजगार सिर्फ 23000 को नौकरी क्यों दे रहा है?

मोदी के भक्त और चमचे कह रहे हैं कि गुजराती सेठ अडानी को कुछ मत कहो, रोजगार देता है। कहीं छुईमुई मुरझा गया तो रोजगार चला गया।
23000 रोजगार देने वाले भ्रष्टाचारी को बचाना है, और साढ़े 12 लाख रोजगार देने वाले रेलवे को उसी भ्रष्टाचारी के हाथ बेच देने पर मौन साध जाना है?

मोदी गुजराती सेठ को क्यों बचा रहे हैं?

क्योंकि गुजराती सेठ अडानी के सारे कारनामों के तार मोदी से जुड़े हैं।
यहां रोजगार नहीं, भ्रष्टाचार बचाना है। मोदी और अडानी की यारी अब देश पर भारी पड़ रही है।

संवाद;पिनाकी मोरे

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