एक खुला पैगाम हमारे महान देश के पीएम, और महामहिम राष्ट्रपति के नाम इजराइल निर्दोष फिलिस्तीनियों आम लोगों पर हमले तत्काल बंद करे

संवाददाता
हाजी हैदर शेख

अनुरोध एक खुला पत्र हमारे देश के प्रधानमंत्री जी को
इजरायल तत्काल निर्दोष फिलिस्तीनियों आम लोगों पर हमले बंद करे।

जंग लडाई सेना से होती है आम लोगों से नही कैंप मे रहने वाले मजबुर लोगो से नही।

रमजान-ए-पाक जैसे पवित्र महीने में भी फिलिस्तीनियों फिलिस्तीन गाजा रफाह में इजरायल और इजरायल सेना लगातार निर्दोषआम लोगों फिलिस्तीनियों पर हवाई हमले कर रहा है।लगातार बम बरसा रहे है। अस्पतालों स्कूल, मसजिद, मदरसे, घरो और आम नाग्रीकों आम लोगो पर इजरायल की सैन्य कार्रवाई कर रही है। हवाई हमले में मासुम बच्चों महिलाओं सहित सभी कई लोग लगभग कम से कम अभी तक 40 हजार से भी ज्यादा निर्दोष आम लोग फिलिस्तीनियों की मौत हो गई, जबकि गाजा के रफाह में करीब 13 लाख फिलिस्तीनियों ने शरण ली है,जहां पहले से ही लाखों लोग भुखमरी की कगार पर खड़े हैं। भूखों से दाने दाने को तरस रहे है।.जंहा मानवीय मदद बढ़ाने का ऐलान किया जाना चाहिए।

मगर सूत्र बताते हैं कि वंहा पर उल्टा ग्राउंड ऑपरेशन भी जारी है। इससे गाजा में मानवीय संकट और बढ ता जा रहा है।मरने वालों मासुम बच्चे सब से आधिक है। बे रहम जालीम आत्याचारी इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और इज़रायली सेना बे गुहनेगारों आम नाग्रीकों आम लोगो के साथ मासुम युवा बच्चों सहित महीलाओं को गिरफ्तार कर रही है। उन्हे तरह से प्रताड़ित कर रही हैं।रमजान-ए-पाक पावित्र महीने में भी नहीं माना इजरायल और कर रहा हैं हजारों लोगों का कत्ल।

जबकि दुनियाभर की शांति का जिम्मा लेने वाला UN और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् क्यों नहीं रोक पा रहा ये जंग? पिछले 6 महीने से गाजा में बम बरसा रहे इजरायली, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी चुप खामोश है। जिस तरह से गाजा में आम लोगों की जान जा रही है, कथित नरसंहार हो रहा है युद्ध इतना भयावह रूप ले रहा है
बर्बादी की खौफनाक दिल दहलाने वाली तस्वीरें आ रही हैं। लेकिन दुनियाभर में शांति का जिम्मा लेने का दावा करने वाला संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशन्स) संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् पिक्चर से लगभग गायब है। शांति की बात छिड़ते ही यूनाइटेड नेशन्स का नाम आ जाता है। वो गरीब देशों की मदद करता ह. युद्ध-प्रभावित देशों से दोस्ती की अपील करता है।
यूएन का असर इतना ज्यादा है कि देश इसकी सदस्यता लेने के लिए परेशान रहते हैं। लेकिन सवाल ये है कि इंटरनेशनल पीस के बढ़-चढ़कर दावे करने वाला यूएन फिलहाल कहां है?

.यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) यूएन की अपील हवा में लटककर रह गई हैं. इधर जंग और भीषण होती जा रही है।.युद्ध अब तक चला आ रहा है।.साल 1945 जब ये इंटरनेशनल संगठन बना तो सबसे बड़ा मकसद था शांति बनाए रखना।. दुनिया कुछ ही समय के भीतर दो विश्व युद्ध झेल चुकी थी। ऐसे में ताकतवर देशों ने मिलकर तय किया कि एक अंब्रेला बनाया जाए और कई काम किए जाएं।. साथ ही उन देशों पर शांति के लिए दबाव बनाया जाए जो लड़ाई-भिड़ाई का इरादा रखते हों।.हमास और इजरायल के बीच सीजफायर की खत्म होती उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सेना का कहर बरपा रही है। हालात ये है कि रमजान के पवित्र महीने में भी गाजा में इजरायल लगातार हवाई हमले कर रहा है
बम बरसा रहा हैं बच्चों महिलाओं सहित आम लोगों की मौत हो रही हैं। आम लोगों की जान जा रही है, और सब से बड़े ही शर्म की बात हैं चार महाद्वीपों में फैले 57 देशों की सदस्यता के साथ इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) संयुक्त राष्ट्र के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा संगठन है। यह संगठन मुस्लिम/इस्लामिक जगत की सामूहिक आवाज़ है। पर यह भी चुप हैं खामोश क्यों हैं? अब अल्लहा ही हीफाज़त करे और अल्लहा ही बचाए। फिलिस्तनीयों को सब दुवा करे अल्लहा से अल्लहा के सिवा कोई कुछ करने वाला नहीं।

लिहाजा माननीय महामहिम पीएम, और राष्ट्रपति से हमारी दिल से अपील है कि
दुन्या के लग भग दो सो देश हैं पर जंग रूकवाने को कोई आगे आने को तैयार नही हमारे देश के प्रधानमंत्री जी और राष्ट्रपाति से निवेदन है इस जंग को रोकने की कोशीश करे मानवता के नाते मानव सेवा मानवता ही सब से बडा धर्म हैं। हमारी इस अपील की ओर पीएम और राष्ट्रपति जरूर सुनेंगे। धन्यवाद

साभार
इश्तियाक जागीरदार
अध्यक्ष मानवअधिकार अपराध विरोधी समीती।

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