संविधान और अम्बेडकर का युग का ज़िक्र करते हुए कामिनी ला शेषन जज ने दिल्ली पुलिस , सत्ता में बैठे नेताओं और कानून को लागू करने वाली एजेंसियों को लेकर क्या कुछ संदेश दिया ?

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रिपोर्टर:-

पुलिस को अम्बेडकर पर शोध करने कीं सलाह दी गई कामिनी लाॅ, सेशन जज, के ज़रिए।
कहा ये अम्बेडकर और संविधान का युग है।
अंबेडकर और उनका दर्शन आज सबकी जरूरत बन गये है।
विशेषकर सत्ता मे बैठे नेताओं के लिए और कानून को लागू करने वाली एजेन्सियों के लिए।
सब की ड्यूटी है कि वह संविधान और अम्बेडकर को पढें और अच्छे से समझे।

यही संदेश है न्यायाधीश मा कामिनी लाॅ का है।
जो उन्होंने भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद की बेल पर बहस के दौरान कल कोर्ट मे दिया है। उन्होंने
पुलिस को आडे हाथो लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ऐसे बर्ताव कर रही है, जैसे जामा मस्जिद कोई पाकिस्तान में हो!
लेकिन यह कैसी विडम्बना है कि सत्ता मे बैठे नेता समाजिक न्याय और संविधान के मूल्य जैसे विरोध करने का या बोलने के अधिकार का किस बेरहमी से हत्या कर रहे हैं ?

सत्ता मे बैठे नेताओं के हिंसक बयानों को देख तो आश्चर्य होता है।
लगता नही है कि हम आजाद देश मे रहते है।
उत्तर प्रदेश के एक नेता का कहना है कि:

जो पीएम और सीएम के खिलाफ बोलेगा, उसे जिन्दा दफना दिया जाएंगा।

वेस्ट बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि:
हमारी सरकारें विरोधीयों को कुत्ते की तरह गोली से मारती है और उन पर केस लगवा देतीं है?
इस के अलावा अनेक नेता ऐसे ‘हिंसक’ बयान दे रहे है।
पुलिस तो उनके आदेशों पर अमल भी कर रही है।

पुलिस असम, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कर्नाटक आदि मे क्या कर रही है? यह पुरी दुनियां देख रही है।
हम सलाम करते है सेशन जज कामिनी लाॅ का पुलिस को सही सन्देश देने के लिए।

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