जाने अवसर आचार्य विशुद्ध सागर महाराज जी का 31 वा दीक्षा समारोह किस अंदाज में हुआ संपन्न?

जुन्नार देव
संवाददाता

मुनिश्री सुप्रभ महाराज एवं मुनिश्री प्रणत महाराजजी का पांच दिवसीय प्रवास,
श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर का किया गया शिलान्यास एवं भूमिपूजन।
108 सिद्धचक्र महामंडल विधान भी हुआ संपन्न
जुन्नारदेव-
अहिंसा परमो धर्म: के पवित्र उद्देश्य पर आधारित जैन धर्म के आचार्य 108 श्री गुरुदेव विशुद्ध सागर जी महाराज के 31वे दीक्षा के अवसर पर स्थानीय श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में पांच दिवसीय विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में देवनगरी जुन्नारदेव को आचार्य श्री 108 विशुद्धसागर जी महाराज के परम प्रमाणक शिष्यद्वय मुनिश्री सुप्रभ सागर एवं मुनिश्री प्रणत सागर का आत्मीय आशीर्वाद प्राप्त हुआ।
इन मुनिद्वय की अगुवाई में स्थानीय श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर के पुनर्निर्माण की भव्य आधारशिला एवं भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न किया गया।
इससे पहले मंदिरश्री में लगातार पांच दिनों तक 1008 श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन किया गया।
जिसमें नगर सहित समीपस्थ दमुआ एवं परासिया क्षेत्र के जैन परिवारों के द्वारा सहभागिता की गई।
इस पांच दिवसीय आयोजन में प्रति दिवस प्रातः काल बेला से ही शहर में गीत संगीत पर आधारित धार्मिक वातावरण का निर्माण हो जाता रहा था।
इस पांच दिवसीय श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान के दौरान क्षेत्र के प्रबुद्ध व्यापारियों, राजनेता एवं जनप्रतिनिधिगण सहित पत्रकार एवं प्रशासनिक अधिकारीयो ने भी मुनिश्रेष्ठद्वय से श्री मंदिर पहुंचकर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में सकल जैन समाज के स्थानीय परिवारों की लगातार सहभागिता रही।
जुन्नारदेव शहर में लगातार 5 दिनों के प्रवास के उपरांत मुनिश्रेष्ठ 108 श्री सुप्रभ सागर महाराज एवं मुनिश्रेष्ट 108 श्री प्रणत सागर महाराज द्वारा परासिया की ओर विहार कर लिया है,
जहां उनका पहला पड़ाव अंबाड़ा स्थित शिशु मंदिर में रात्रि विश्राम होगा।
जुन्नारदेव में जैन समाज के इस पांच दिवसीय कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन हेतु सकल जैन समाज के अध्यक्ष दिलीप (छोटू) जैन ने समस्तजनों के प्रति आभार ज्ञापित किया है।
श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर का होगा भव्य नवनिर्माण-
जैन धर्म के परमपूज्य आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागरजी महाराज के निर्देशानुसार जुन्नारदेव शहर के मध्य में पूर्व से ही स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
इस हेतु आचार्य 108 श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के प्रमाणक शिष्य मुनिश्रेष्ठ सुप्रभ सागरजी एवं मुनिश्री प्रणत सागरजी महाराज की अगुवाई में जैन समाज के पंडित श्री अखिलेशजी के द्वारा श्री मंदिर निर्माण का शिलान्यास एवं भूमि पूजन का विधि-विधान किया गया।
इससे पहले मुनिश्रेष्ठ के समक्ष ही मंदिर निर्माण हेतु अनुदान राशि की व्यवस्था धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार कर ली गई।
इसके मुताबिक श्री मंदिर के नवनिर्माण में मुख्य विधि एवं उस पर भगवान श्री पार्श्वनाथ जी का विराजमान करने का परम सौभाग्य स्थानीय जैन परिवार के राकेश कुमार, राजेश कुमार एवं हेमंत कुमार जैन के परिवार को मिला है।
इसके अतिरिक्त शिखर निर्माण एवं कलश हेतु भी स्थानीय ने परिवारों के द्वारा मुक्तहस्त से भगवानश्री के चरणो में अपनी दान राशि अर्पित की गई है।
श्री मंदिर के निर्माण में ऊपर की वेदी का परम सौभाग्य सकल जैन समाज,
जुन्नारदेव के नवनियुक्त अध्यक्ष दिलीप (छोटू) जैन, डॉक्टर दिनेश जैन, प्रमोद जैन, विनोद जैन, अजीत जैन, अधिवक्ता तरुण जैन, संजय जैन, राकेश (लालू) जैन के परिवार को प्राप्त हुआ।
इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में जुन्नारदेव के प्रवास के दौरान मुनि श्रेष्ठ 108 श्री सुप्रभ सागर एवं मुनिश्रेष्ठ 108 श्री प्रणत सागर महाराज जी की आहार चर्या का परम सौभाग्य स्थानीय जैन परिवार के अधिवक्ता तरुण जैन, राकेश जैन एवं अन्नू जैन के परिवार को प्राप्त हुआ।

साभार, तकीम अहमद

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