Zee न्यूज़ के संपादक ने इस्लामिक महिलाओं को बुर्के पर जो तंज़ कर अपमानित किया क्या ये उचित है ?
रिपोर्टर.
ज़ी न्यूज़ के वरिष्ठ संपादक सुधीर चौधरी ने कैराना उपचुनाव के समय मुस्लिम महिलाओं के बुर्के पर तंजिया हमला और उनकी निजी गरिमा का अपमान किया.
मुस्लिम महिलाओं के बुर्के को तालिबान से जोड़ कर चैनल उकसा रहा है, ये धार्मिक भावनाओं और मूल अधिकार पर है चोट है।
अब सुधीर चौधरी खिलाफ देश के कई प्रबुद्ध मुस्लिम अधिवक्ताओं ने FIR दर्ज कराने की तैयारी कर ली है ।
अब वे इन नफरत फैलाने वाले न्यूज़ चैनलों से आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
सुधीर चौधरी ने भारतीय मुसलमानों को तालीबानी कह कर पूरे मुस्लिम समाज और खास कर कैराना उपचुनाव के समय वोट डालने आई महिलाओं को तालिबानी कह कर जो अपमान किया है वो असहनीय है और जो खुद ये नहीं जानतीं कि तालिबान है क्या?
तालिबानी कह कर सुधीर चौधरी ने भारतीय मुसलमानों को अपमानित किया है।
और उनपर कट्टर और दूसरे शब्दों में आतंक का समर्थक बताया है.
सुधीर चौधरी देश में ऐसा माहौल बनाना चाहता है कि बुरका पहने वाली महिलाओं पर लोग हमला करें उनको तालिबानी कहे,
चौधरी दरअसल उकसावा दे रहा है कुछ समय में मुस्लिम महिलाओं पर जो बुरका या हिजाब पहने हों, उनपर हमले भी शुरू हो सकते है।
सोशल मीडिया पर मोहम्मद आरिफ दगिया ने तमाम हज़रातो से अपील करते हुए कहा- अब जो जो चैनल इस्लामी आतंकवाद, जेहादी आतँकवाद, और लव जिहाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल करेगा, उनके खिलाफ इस्लाम की छवि को धूमिल करने, साम्प्रदायिक भावनाएं भड़काने और धार्मिक उन्माद फैलाने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया जायेगा।
मोहम्मद आरिफ ने कहा मिल्लत पर हो रहे हमलों से लड़ने की ज़िम्मेदारी समाज के हर तबके की है।
मगर जो तबक़ा इस ज़िम्मेदारी को सबसे बेहतर तरीके से अदा कर सकता है वह वकील हज़रात ही हैं।
उनको चाहिए कि इस तरह के गलत बोल ,उन्मादी भाषण,भड़काऊ शब्दावली को ले कर थाने और अदालत में जाएं और अदालत में घसीट घसीट कर इन साम्प्रदायिक ताक़तों, चैनलों और एंकरों पर कारवाही हो।
आप को यह बता दें कि एडवोकेट ‘मो. असद हयात’ साहब इसके मुख्य सूत्रधार हैं ।
और उन्ही को देखते हुए इन्होने भी सोशल मीडिया के ज़रिये तमाम मुस्लिम एडवोकेट का आह्वान किया है कि वे भी इनसे प्रेरणा ले कर अपने फ़र्ज़ को अंजाम दें जो इस दौर में इस्लाम की सबसे बड़ी खिदमत है ।