M.F.हाशमी बड़वानी ने कहा बीजेपी नेता द्वारा भारतीय गणतंत्र के साबिका उप- राष्ट्रपति के खिलाफ दिया गया बयान आपत्तिजनक ?
रिपोर्टर.
हिंदुस्तान एक गणतंत्र मुल्क है और भारत का एक संविधान है जिसमे भारत के नागरिको को संविधान के पालन करने की सलाह दी गई है ।
और जो संविधान का उल्लंघन करते पाया गया तो उसे भारत का क़ानून सज़ा देता है!
हम बात करे भारत के तत्कालीन उप- राष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी की जिनका अभी 1-2 दिन हुए तब कार्यकाल समाप्त हुआ !
वे पिछले 10 वर्षों से इस देश के पवित्र पद की गरिमा बनाएं हुए थे ।
वे अपने पद से बिदाई ले रहे थे आखरी समय उन्होंने अपनी बात रखते हुए वक्तव्य दिया,जिसपर भाजपा के पूर्व युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप मौर्य ने बेहद बुरी और शर्मिंदगी ,आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट पर बयान जारी किया!
जिसमे लिखा है पिछले 10वर्षों से एक कलंक भारत माता के माथे पर कांग्रेस की वजह से संवैधानिक पद पर बैठा था, जो आज हट गया जाते जाते भी गन्दगी फैला गया!
मुस्लिम समुदाय भारत में सुरक्षित नही होता तो इस देश में महान वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम साहब जैसे मुस्लिम देश के राष्ट्रपति नही होते यही इस देश की महानता है !
उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी पर किये गए भद्दे और बेहूदा बयान की भारत के सभी नागरिको को कड़ी निंदा करना चाहिए !
साथ ही इस तथाकथित भाजपा नेता के ख़िलाफ़ संविधान की धारा 500,501,502 के तहत मानहानि का मुकदमा दर्ज होना चाहिए !
धारा 500 में उल्लेख है कि,राष्ट्रपति,या उप राष्ट्रपति,या राज्य के राज्यपाल या संघ राज्यक्षेत्र के प्रशासक या मंत्री के विरुद्ध मानहानि जो उसके लोक कृत्यों के निर्वहन में उसके आचरण के बारे में हो,
-2 वर्ष के लिए सादा कारावास या जुर्माना या दोनों धारा 501 (क)-राष्ट्रपति,या उप राष्ट्रपति या राज्य के राज्यपाल या संघ राज्यक्षेत्र के प्रशासक या मंत्री के विरुद्ध मानहानिकारक जानते हुए ऐसी बात को मुद्रित या उत्कीर्ण करना ।
जो उसके लोक कृत्यों के निर्वहन में उसके आचरण के बारे में हो,जब लोक अभियोजक ने परिवाद संस्थित किया हो ख-किसी अन्य मामले में मानहानिकारक जानते हुए किसी बात को मुद्रित या उत्कीर्ण करना- 2 वर्ष के लिए,सादा कारावास या जुर्माना या दोनों! धारा 502
(क)- मानहानिकारक विषय-अंतर्विष्ट रखने वाले मुद्रित या उत्कीर्ण पदार्थ का,यह जानते हुए विक्रय कि उनमे राष्ट्रपति या उप राष्ट्रपति या राज्य के राज्यपाल या संघ राज्यक्षेत्र के प्रशासक या मंत्री के विरुद्ध उसके लोक कृत्यों के निर्वहन में उसके आचरण के बारे में ऐसा विषय अंतर्विष्ट है ।
जब लोक अभियोजक ने परिवाद संस्थित किया हो।
(ख) किसी अन्य मामले में मानहानिकारक बात को अंतर्विष्ट रखने वाले या मुद्रित या उत्कीर्ण- 2 वर्ष के लिए सादा कारावास या जुर्माना या दोनों !
इन तीनो धाराओ में इस भाजपा नेता के ख़िलाफ़ कार्रवाई अपेक्षित है!
कांग्रेस युवा नेता मौलाना उमर क़ासमी गोगांवा (खरगोन) ने मांग की है कि सम्बंधित व्यक्ति के ख़िलाफ़ शीघ्र प्रकरण दर्ज कर दण्डित किया जाए।
ताकि भविष्य में बैठे संवैधानिक पदों पर महामहिमो की शान में कोई गुस्ताखी ना करे !