हल्द्वानी दंगे में मारे गए अनस और जाहिद को लेकर दैनिक भास्कर ने खोली पुलिस के करतूत ले पोल

हल्द्वानी
संवाददाता

दैनिक भास्कर दिल्ली ने हल्द्वानी दंगों पर जो ग्राउंड रिपोर्ट की है

उसका एक अंश

हल्द्वानी हिंसा में मारे गए जाहिद और अनस की लाश एक-दूसरे से 200 मीटर दूर मिली थी।

दिनांक 8 फरवरी को क्या हुआ था?, आरिफ (मृतक ज़ाहिद के भाई) सिलसिलेवार पूरी कहानी बताते हैं। कहते हैं, ‘शाम का वक्त था। दंगा भड़का तब मैं घर पर नहीं था। मुझे अपने बेटे की फिक्र हो रही थी। इसलिए मैंने जाहिद को घर जाने के लिए कहा। जाहिद दुकान से लौटा था। उसने अपनी बाइक घर पर खड़ी की और फोन पर बात करते हुए पैदल मेरे घर की तरफ आने लगा। मेरा घर वहां से करीब आधा किमी दूर है।’

‘वहीं चौराहे पर एक दुकान है, जहां से जाहिद रोज दूध लेता था। दुकान बंद थी, पर जाहिद वहीं रुक गया। इधर उसके बेटे अनस ने उसे फोन किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। अनस को फिक्र हो रही थी। इसलिए वो अपनी मां को बताकर जाहिद को ढूंढने निकल गया। उसी वक्त चौराहे पर अनस को पुलिस ने गोली मार दी। वहां से 200 मीटर दूर जाहिद को भी गोली मार दी।’ और दोनो का काम तमाम कर दिया।

आरिफ बताते हैं, ‘जाहिद के सीने में और अनस को पेट में गोली लगी थी। दंगा शांत हुआ, तब किसी ने जाहिद के बड़े बेटे को फोन किया कि तेरे पापा को गोली लग गई है। वो पहुंचा तो देखा कि पुलिसवाले जाहिद को डंडों से पीट रहे थे। लड़का अपने बाप को बचाने के लिए उस पर लेट गया। पुलिस ने उसे भी पीटा। इसके बाद कहा कि ले जाओ इसे।’

‘शाम 7 बजे मेरे पास फोन आया कि भाई को गोली मार दी है। मैं 7:30 बजे तक वहां पहुंचा। मुझे तो सिर्फ जाहिद के लिए कॉल आया था, वहां जाकर पता चला कि अनस को भी गोली लगी है। मैं उनको लेकर प्राइवेट क्लिनिक गया। वहां डॉक्टर ने कहा कि हॉस्पिटल ले जाओ। हमने हॉस्पिटल ले जाने की कोशिश की, लेकिन कोई गाड़ी नहीं मिली। बाइक से कैसे ले जाते, पुलिसवाले डंडे मार रहे थे।’

‘हमने जाहिद और अनस को पूरी रात घर पर रखा। घाव में रुई भरकर खून रोकने की कोशिश करते रहे। गोली जहां लगी थी, वहां से बहुत खून निकल रहा था। तब दोनों सांस ले रहे थे। लेकिन दूसरा कोई इलाज ही नहीं था।’

दूसरे दिन एंबुलेंस बुलाकर हॉस्पिटल ले गए। तब भी रास्ते में पुलिस ने रोका। सभी के आधार कार्ड चेक किए। उस दिन तो पुलिस के पास भी जाते, तो वे दूर से डंडा उठाकर मार रहे थे। कोई सुन ही नहीं रहा था।’
‘9 फरवरी को सुबह 9 बजे जाहिद और अनस को लेकर अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरों ने चेक किया और कहा कि इनकी मौत हो गई है। फिर दोनों को मॉर्चुरी हाउस भेज दिया। अगर इलाज मिल जाता तो दोनों बच जाते। बॉडी मिलने के बाद SDM साहब ने दोनों को दफनाने में मदद की।’

जाहिद के परिवार में कौन-कौन है? आरिफ बताते हैं, ‘परिवार में पत्नी और अनस के अलावा दो और बेटे हैं। एक बेटी भी है, कुछ समय पहले उसकी शादी कर दी थी। बड़े बेटे की शादी की बात चल रही थी। अनस अभी पढ़ रहा था। उसे इंजीनियर बनना था। उसके सपने पढ़े-लिखे लोगों जैसे थे।’

(दैनिक भास्कर की रिपोर्ट अनुसार)

फोटो मृतक अनस का है।

संवाद:मोहमद अफजल इलाहाबाद

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