सीतामढ़ी में तेंदुए का आतंक,फिर एक बार किया एक और शिकार रेस्क्यू के लिए पिंजरे में बकरे का भी इस्तेमाल करने पर भी नही मिली कोई राहत

सीतामढ़ी में तेंदुए ने फिर किया एक और शिकार, रेस्क्यू के लिए लगाया पिंजरा पर नहीं मिली कामयाबी

सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी में एक तेंदुए का तांडव लगातार जारी है। उसने फिर से एक शख्स को अपना शिकार बनाया। तेंदुए के हमले में ये युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। मामला डुमरा प्रखंड के भौप्रसाद गांव के सरेह का है, जहां तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने खेत में रातभर पिंजरा लगाया। वन विभाग के अधिकारियों समेत ग्रामीण भी पूरी रात परेशान रहे। हालांकि, तेंदुए का पता नहीं चला। इसी बीच तेंदुए ने एक युवक पर हमला कर उसे जख्मी कर दिया है।

मुजफ्फरपुर से पहुंची स्पेशल टीम

इस खूंखार जानवर को रेस्क्यू करने में सीतामढ़ी की वन विभाग की टीम पूरे दिन भर विफल रही। स्थानीय वन विभाग ने मुजफ्फरपुर से विशेष टीम को बुलाया है। इसी टीम टीम ने तेंदुआ रेस्क्यू करने के लिए खेत में पिंजरा लगाया और जाल भी बिछाया। हालांकि तेंदुआ इतना चालाक है कि वो इसमें नहीं फंस सका है।

रातभर पिंजरे की निगरानी गई बेकार

वन विभाग की ओर से तेंदुआ के ठिकाने लगाने के लिए मक्का के खेत में पिंजरा लगाया। पिंजरा में एक बकरा भी रखा गया था, फिर भी तेंदुआ नहीं आया और पिंजरे में नहीं फंस सका। वहीं जाल भी लगाया गया है। कोशिश है तेंदुआ को जल्द पकड़ा जा सके। रेंजर एसके सोरेन ने बताया कि अब तक तेंदुआ को पकड़ने में सफलता नहीं मिली है। विभागीय टीम ट्रेंकुलाइजर के साथ भी मौके पर मुस्तैद है।

रेंजर ने बताया कि तेंदुआ जैसे बड़े जानवरों को पकड़ने में माहिर विशेष प्रशिक्षित कर्मियों को चकिया से भी बुलाया जा रहा है। यह विशेष टीम रविवार को यहां पहुंच जायेगी। स्थानीय लोगों को सचेत रहने को कहा गया है। यह चेतावनी दी गई है कि बहुत जरूरी हो तभी रात में घर से बाहर निकलें।

तेंदुए की वजह से ग्रामीणों में खौफ

बहरहाल, अचानक गांव के पास मक्का के खेत में तेंदुआ के पहुंचने से ग्रामीणों में खौफ है। ग्रामीणों ने बताया कि जब तक तेंदुआ को पकड़ा नहीं जाता, तब तक गांव असुरक्षित ही माना जाएगा। रात तो दूर दिन में सजग रहना होगा। यह संभव है कि तेंदुआ गांव में भी घुस जाए और लोगों पर हमला कर दे। मौके पर डुमरा थाना पुलिस और वन विभाग की टीम लगातार कैंप कर रही है। स्थानीय लोगों की भीड़ भी यहां जुटी हुई है।

संवाद; डी आलम

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