यहां चाहे जितने भी कटे पेड़ मगर पुलिस बेखबर, रक्षक ही बने भक्षक

ब्रेकिंग।
अवध प्रभाग दुबग्गा।

रक्षक ही बने भक्षक रियल स्टेट कारोबारियों के आगे नतमस्तक दिखा वन विभाग, या यू कहे की बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपया।

जी हां बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपया यह कहावत इन दिनों दुबागा अवध वन प्रभाग के अन्तर्गत आने वाले बंसी गढ़ी बिट पर तैनात वन रक्षक व वन दरोगा की मिली भगत से बड़े पैमाने पर पेड़ों को काटकर नष्ट कर इस कहावत को चरितार्थ किया जा रहा है।

ताजा मामला आउटर रिंग रोड से शेखपुरावा जाने वाले रोड पर 200 मीटर राइट साइड पर करीब 40 पेड़ों को काट कर पार कर दिया गया। वही एक ठेकेदार नाम ना छपने की शर्त पर बताया कि ये ठेकेदार रियल स्टेट कारोबारी से ₹3000 पेड़ के हिसाब से वन विभाग के जुर्माने नाम पर पेड़ों को कटवाने के एवज में वसूला गया है। यह कारनामा स्थानीय ठेकेदार फैसल पुत्र घसीटे व अपने एक सहयोगी ठेकेदार से मिलकर 8 बिस्वा जमीन में लगे 40 पेड़ों को काट कर जड़ों को निकालकर टक्टर से जुताई करा दी अभी कुछ जड़े बची है इन बची हुई जड़ों का मकसद है कि शिकायत होने पर उन पर जुर्माना हो जायेगा। जिसमे 4 नीम के पेड़ भी शामिल है।

वही दूसरी तरफ उक्त दोनो ठेकेदारों ने मिलकर लालनागर से शेखपुरावा की ओर जाने वाले खड़ंजे पर एक दर्जन से अधिक पेड़ों काट कर पार कर दिया इसके एवज में मोटी रकम रियल स्टेट कारोबारी से वसूल की गई। वही ग्रामीणों ने बताया कि यह ठेकेदार अभी नया है परंतु इनके पिता करीब 25 वर्षों से लकड़ी का अवैध कटान का काम करते आ रहे हैं।
शेखपुरावा में अब तक की करीब 12 से 15 रियल स्टेट कारोबारियों की साइडो के पेड़ों को काटकर खाली किया गया है। वही दूसरी ओर वन दरोगा शिकायतकर्ता की पूरी जानकारी देकर पीठेकेदार को बताकर धमकाने का काम करते हैं।

वही सूत्रों की माने तो क्षेत्रीय बना अधिकारी को वनरक्षक व वन दरोगा अपने उच्चा अधिकारियों को करते हैं गुमराह। शिकायत होने पर एक या दो पेड़ो को बताकर जुर्माना कर कार्यवाही के नाम पर इतश्री पूरी करते है। यही हाल इन शिकायतों का होगा यदि खसरे के आधार पर कार्रवाई हो तो न्याय हो सकता है। वर्ना बिलकुल नहीं

संवाद:एडमिन

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