मोदीजी के लिए हर बार जितने की वजह ईवीएम की देन है ,ठीक ही कहा है किसी बड़े नेता ने कि मोदी की आत्मा ईवीएम में है!

ऐसा एक बार में नही हर बार होता चला आवरा है इसी लिए बीजेपी की बड़ी जीत होती रही है इसकी खास वजह ईवीएम है।
कितना डरावना है, दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र में ऐसा होना? और चुनाव का इस तरह अपारदर्शी होना, विपक्ष के बड़े नेता ऐसे ही नहीं बोलते हैं कि मोदी की आत्मा ईवीएम में है।

पूरे देश की आवाम ऐसे ही नहीं बुक्का फाड़ रही थी, कि ईवीएम हटाओ..देश को इस तरह हाईजैक करने की सजा क्या होगी ये तो भविष्य की गर्भ में छिपा हुआ है।

लेकिन आज इलेक्शन कमीशन ने सुप्रीम कोर्ट में जो कहा है, उससे ये तो सिद्ध हो गया कि कम से कम बीते पांच साल में जो हुआ वह ईवीएम और चुनाव आयोग की मिली-जुली प्रतिक्रिया से हुआ।

जो एक इल्लीगल लूट हुई, हमें आपको लूटा गया इसकी जिम्मेदार मोदी सरकार के साथ वो सारी सरकारी संस्थाओं को भी कटघरे में खड़ा कर रही है।

संघी जमात और नागपुरी गैंग, व्हाट्सप्प यूनिवर्सिटी जो ईवीएम पर बोलने वालों को ट्रोल करती थी, आशा है वह आज इलेक्शन कमीशन द्वारा कोर्ट में दिये बयान के बाद बूंद भर में डूबकर मर जायेगी। जब भी ईवीएम की मशीन का बटन जिस भी पार्टी के नेता को वोट देने के लिए दबाया जाता है तो हर बार सिर्फ बीजेपी के अकाउंट में वोट ट्रांसफर होता है। इसी वजह से बीजेपी के सामने कोई अन्य पार्टी जीत ही नही रही है। ईवीएम का ही तो ये रचनात्मक ऐसा खेला है। क्या ये लोकतंत्र का गला घुटने वाला प्लान नही है?

बताइये जिस मशीन को लेकर ये कहा जा रहा था,वो हैक नहीं हो सकती है, उस मशीन में दूसरे डिवाइस लैपटॉप से डेटा डाला जा सकता है।
वो ईवीएम सेंट्रलाइज है, मोदी सब कुछ हैक करके बैठे हैं, मीडिया, सीबीआई, ईडी,और अब ईवीएम मशीन भी..जो भी हो उम्मीद करिये हमारे यहां से तानाशाही के इस युग का अंत समय आ गया है।

संवाद:पिनाकी मोरे

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