बीजेपी कार्यकर्ता क्यों है इस प्रत्याशी से नाराज़ और सभीने इसका छोड़ा साथ यही वजह है इनका इधर जीत पाना है नामुमकिन?

बीजेपी कार्यकर्ताओं ने छोड़ा बँटी साहू का साथ, के भरोसे छिन्दवाड़ा जीतना नामुमकिन

छिन्दवाड़ा लोकसभा चुनाव की तारीख़ जैसे जैसे नज़दीक आती जा रही है, वैसे वैसे बीजेपी प्रत्याशी बँटी साहू की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही है। बँटी साहू पूरे चुनाव के दौरान एक बार भी मुक़ाबले को कड़ा बनाने में नाकामयाब रहे हैं। कांग्रेसी दलबदलुओं को शामिल करने से बीजेपी के भीतर जारी अंतर्द्वंद्व भी अब चरम पर पहुँच चुका है। भरे चुनाव के बीच बीजेपी कार्यकर्ता का घर बैठ जाना, बँटी साहू के लिये करारी हार का संकेत है।

बीजेपी कार्यकर्ता नाराज़

पिछले एक सप्ताह में बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस और नकुल कमलनाथ को अपना समर्थन देकर छिन्दवाड़ा में मुक़ाबले को एकतरफ़ा बना दिया है। अब बीजेपी के पास सिर्फ़ दो ही तरह के कार्यकर्ता बचे है, एक जो बीजेपी में तो हैं पर बँटी साहू की ख़राब छवि के कारण इस चुनाव में बीजेपी के विरोधी बन गये हैं, दूसरे बीजेपी में हैं। लेकिन दलबदलुओं के कारण बीजेपी के विरोधी बन गए है। दोनों ही मामलों में बीजेपी के कार्यकर्ताओं का विरोध बँटी साहू की हार के अंतर को बढ़ाने का काम करेगा।

बीजेपी के हवाबाज़ नेता गायब

छिन्दवाड़ा में बीजेपी के बड़े नेता भी अब वैसे सक्रिय नहीं हैं, जैसे दो महीने पहले हवा बना रहे थे। सभी बीजेपी नेता ये अच्छे से समझ चुके हैं कि छिन्दवाड़ा की करारी हार के छींटे उनके राजनीतिक भविष्य पर पड़ने वाले हैं, इसलिये अभी से इन आयातित नेताओं ने छिन्दवाड़ा से दूरी बनाना चालू कर दी है।

नकुल का सकारात्मक प्रचार

कांग्रेस प्रत्याशी नकुल कमलनाथ की बात करें तो बिल्कुल व्यवस्थित और सकारात्मक चुनाव प्रचार के साथ आगे बढ़ते नकुल के साथ अपार जनसमर्थन नज़र आ रहा है। नकुल कमलनाथ जहां छिन्दवाड़ा के अपने चालीस साल के अटूट रिश्तों और जनता के बीच मौजूद अपने विकास कार्यों के साथ चुनावी रण में उतरे हैं, वहीं बीजेपी के पास छल, कपट और झूठ के सिवा कुछ भी नहीं है।

जनता खुद मैदान में

छिन्दवाड़ा चुनाव के दौरान सबसे दिलचस्प बात यह देखने को मिल रही है कि छिन्दवाड़ा की तरफ़ से जनता चुनाव लड़ती दिख रही है, वहीं बीजेपी जनता को हराने का दम भर रही हैं। छिन्दवाड़ा की जनता और कमलनाथ के चालीस साल के रिश्ते ग़ैर राजनीतिक हैं, यही वजह है कि चुनाव आते ही पूरा छिन्दवाड़ा कमलनाथ के परिवार के सदस्य के रूप में चुनाव मैदान में उतर जाता है और अपने नेता की जीत सुनिश्चित करता है।

कांग्रेस की जीत निश्चित

छिन्दवाड़ा की जनता नकुल और कमलनाथ के 40 वर्षों के संबंधों की खुद साक्षी है, इसलिये किसी और के कुछ कहने या बहकाने से छिन्दवाड़ा की जनता पर रत्ती भर भी फ़र्क़ नहीं पड़ता है। छिन्दवाड़ा की जनता नकुल कमलनाथ के साथ ही रहेगी।
इसलिए जो भी व्यक्ति इस चुनाव के दौरान छिन्दवाड़ा गया है, उसने आते ही एक बात कही है कि नकुल कमलनाथ एकतरफ़ा जीत रहे है। चुनाव के परिणाम कभी भी घोषित हों, जनता ने नकुल कमलनाथ की जीत की घोषणा अभी से कर दी है।

संवाद;गौरव पटेल, मनोज डोंगरे,और तकिम अहमद

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