नियम बनाया गया है कि 70वर्ष या उसके करीब जो भी सीनियर नेता की उम्र होगी उसे सक्रिय राजनीति से हटाके मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया जाएगा मारदर्शक मंडल की पूरी जानकारी जानिए

यूपी

संवाददाता

मार्गदर्शक मंडल

साहाब ने नियम बनाया कि 70 वर्ष या उसके आस पास जो भी नेता अपनी आयु क्रास करेगा उसे सक्रीय राजनिती से हटाके मार्गदर्शक मंडल में डाला जायेगा।
सबसे पहले 96 year old अपने राजनीतिक गुरू श्री एल के आडवाणी(जन्म8 नोव्हेम्बर 1927)को मार्गदर्शक मंडल में डाला गया।

फिर डॉ मुरली मनोहर जोशी(जन्म 5 जानेवारी 1934)को मार्गदर्शक मंडल में डाला गया।
माजी केंद्रीय अर्थ मंत्री यंशवंत सिन्हा उम्र 86 साल( जन्म 6 नोव्हेबंर 1937)इनकी भी रवानगी मार्गदर्शक मंडल में की गई ,अब वे पक्ष की राजनीति से दुर ही है ।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदीयुरप्पा (जन्म 27 फरवरी 1943)को मार्गदर्शक मंडल में इसलिए डाला गया की उन्होने 70 प्लस आयु कव्हर की थी वे आज 81 वर्ष के हुये।कर्नाटक के पूर्व CM येदियुरप्पा पर मार्च 2024 में यौंन उत्पीड़न के मामले में POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज हुवा है वह उसी में उलझे हुये है ।

कर्नाटक के दुसरे मुख्यमंत्री के एस ईश्वरप्पा वे अब 73 वर्ष के हो गए इन्हे भी अपनी गदी छोडकर 70 प्लस फारमूला के तहद मार्गदर्शक मंडल में जाना पडा,अब वे बग़ावत के मूड में है।
69 वर्ष की यशोधरा राजे सिंधिया से लेकर कई ऐसे नेता है जो मार्गदर्शक मंडल का हिस्सा बने है।
साहाब अब 74 वर्ष के हुए है।
10 साल का टर्म पुरा हुवा है।
फिर भी वे 2024 में तिसरी बार सेवा करने का मौका मांग रहे है।

क्या मार्गदर्शक मंडल वाला नियम साहब पर लागू नही होता?
अपनी बारी आयी तो साहाब मुखर रहे है।
क्या वे सेवा करने का मौका भाजपा नेताओं से मांग रहे या भारतीय मतदाता से?

संवाद;मोहमद अरशद यूपी

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