कांग्रेसी होते हुए कांग्रेस को उजाड़ने की तमन्ना रखने वाले गौर कीजिए कांग्रेस का वजूद मिटाना नामुमकिन है

विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

राहुल गांधी को खत्म करने की लाख कोशिश हुई,तो क्या कहना हो गया क्या ?
कांग्रेस के ही नेताओं ने गुट बनाकर राहुल को साईड करना चाहा, हो गया क्या ?

विजय बहुगुणा, रीता बहुगुणा जैसे लोग जो इतने सम्मानित थे, आज भाजपा में जाकर चवन्नी की औकात नहीं इनकी। रीता बहुगुणा की हैसियत देख लो, तेजेन्द्र बग्गा से भी नीचे दर्जे की हैसियत है।

उधर
नीतीश कुमार को देखिए उन्हों ने राजद जड़ से को खत्म करने के लिये कई कोशिशें की, कई बार पलटियां मारी, मगर राजद खत्म हो गई क्या ? आज नीतीश का अस्तित्व संकट में है।

2014 के बाद से मायावती ने सपा को हराने के लिये हर तरह से भाजपा का साथ दिया। अपना वोट भाजपा को ट्रांसफर किया, सपा खत्म हो गई क्या? आज मायावती है भी कि नहीं, किसी को रत्ती बराबर फर्क नहीं।
इसीलिये निराश होने की जरूरत नहीं है। समय का पहिया अपने हिसाब से चल रहा है।

10 साल पहले जो युवा 22 साल का था आज 32 साल का ओवर एज हो चुका है। 10 साल पहले जो हिंदुत्व की उड़ान भर रहा था आज ओवर एज और बेरोजगार होने पर जमीन पर आ चुका है। अब वो अपने छोटे भाई बहनों और रिश्ते के दूसरे भाई बहनों को अंधभक्ति के नुकसान बता रहा है।
चुनाव के नतीजे क्या होंगे, वो अलग बात है। लेकिन 2014 वाला माहौल है क्या?

2019 में भाजपा ने एमपी में सारी सीटें जीती, अब वोट बढ भी जाएगा तो सीट बढेगी क्या?
राजस्थान में सारी सीट जीती, अब और बढ सकती है क्या ?
बिहार में 40 में से 39 जीती, अब दुबारा 39 मिलेगी क्या ?
चलो मान लेते हैं यूपी, बिहार, राजस्थान, एमपी, छत्तीसगढ में भाजपा भारी है, लेकिन 2019 में वो पहले ही स्वीप कर चुकी है अब और आगे कहां जाएगी ?

इसलिए निराशा को छोड़कर हिम्मत से काम लें। प्रयास करना अपना काम है बाकी समय का पहिया चल ही रहा है।

संवाद:पिनाकी मोरे

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