ऐसा शायद ही किसी लोक सभा चुनाव में देखा गया होगा जो सूरत लोकसभा चुनाव के होने से पहले ही भयानक ,अजूबा मामला घटित होगया ?

विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

समस्त भारत में जिधर देखो उधर लोक सभा2024की एक तरफ धूम मची है तो दूसरी ओर अभी अभी 19/अप्रैल को पहले चरण के चुनाव मतदान हो गुजरे है। अभी इन में कुल 6चरणों के चुनावी मतदान होने बाकी है मगर सूरत लोक सभा चुनाव की बात करे तो

सूरत लोकसभा आपको डरा देगी, चाहे आप किसी को भी वोट दें। यह पूरे भारत में भाजपा की सबसे सुरक्षित सीट है और फिर भी वे फासीवाद दिखाने के लिए नीचे गिर रहे हैं।

उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को यह कहकर खारिज कर दिया गया है कि हस्ताक्षर नकली थे!
उन्होंने कांग्रेस के बैकअप उम्मीदवार को भी यही कारण बताकर खारिज कर दिया।

इसे देख फिर क्या था? सूरते
हाल ऐसा है कि यहां कुल 8 स्वतंत्र उम्मीदवारों को डर के कारण अपना नाम वापस लेना पड़ा है? बसपा उम्मीदवार को भी दबाव में नामांकन वापस लेना पड़ा है।

ऐसे में चुनाव होने से पहले ही आज, भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल ने सूरत लोकसभा में निर्विरोध जीत हासिल की और इस मामले को लेकर अब तक किसी मीडिया चैनल ने सवाल पूछने की हिम्मत तक नहीं की। ये सब हुआ कैसे और कौन सी बड़ी ताकत है जो बगैर चुनावी घटना को अंजाम देकर अपनी मनमानी जीत का डंका बजा रही है और पूरा देश ,जिम्मेदार चुनाव आयोग इसे देख जान बूझकर खामोश होकर शांत बैठ गया है?

याद रखें, पिछले दिनों चंडीगढ़ मेयर चुनाव सिर्फ़ एक टीज़र था, सूरत एक ट्रेलर है और अगर भाजपा सत्ता में लौटती है तो देश बरबाद होने में अब देर नही लगेगी। बहुत बड़ा खेला हो रहा है। पूरा देश सकते में आ जायेगा।

इस अजूबी जीत का भाजपा समर्थक आज इसका बखूबी आनंद ले सकते हैं लेकिन उनकी आनेवाली पीढ़ियाँ इस का कतई आनंद नहीं लें सकती।

संवाद; पिनाकी मोरे,एडमिन

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