आखिर वह ऐसे क्यों कह रहे है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र पर मुस्लिम लीग की छाप है? मामला क्या है?

संवाददाता

माजरा क्या है? आख़िर मोदी क्यों कह रहे हैं कि कांग्रेस के घोषणापत्र पर मुस्लिम लीग की छाप है?

कांग्रेस के मैनिफेस्टो पर जिस तरह लगातार नरेंद्र मोदी झूठ बोल रहे हैं, एक बात तो साफ़ है कि जो काम पहले चोरी छिपे BJP आईटी सेल करता था, आज वो काम ख़ुद नरेंद्र मोदी कर रहे हैं-झूठ बोलो, खूब झूठ बोलो।

क्या युवाओं के लिए 30 लाख सरकारी नौकरियाँ, 1 साल के लिए 1 लाख का स्टायपेंड, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण, गरीब महिलाओं को सालाना 1 लाख रुपये, किसानों की क़र्ज़ माफ़ी, MSP की लीगल गारंटी, मनरेगा में ₹400 दिन की आय, ₹25 लाख का मुफ़्त इलाज – यह मुस्लिम लीग की छाप है? नहीं. बल्कि इन्हीं चीज़ों से लोग परेशान हैं. मोदी जी के पास बेरोज़गारी, महंगाई, ग़रीबी, महिला असुरक्षा, किसानों के लिए कोई जवाब ही नहीं है।

लेकिन सवाल तो यह है कि नरेंद्र मोदी को मुस्लिम लीग का मोह इतना क्यों सताता है? क्योंकि इश्क़ और मुश्क छुपाये नहीं छुपते।

चलिए आज जिन्नाह और मुस्लिम लीग से मोदी और उनके पुरखों की मोहब्बत पर कुछ बातें करते हैं.

ज्ञात हो कि 1942 में पूरा देश अंग्रेज़ों को भारत छोड़ो आंदोलन में देश के बाहर खदेड़ रहा था, तब नरेंद्र मोदी के सबसे आदरणीय पुरखे श्यामा प्रसाद मुखर्जी की हिन्दू महासभा ने जिन्नाह की मुस्लिम लीग के साथ 1939 – 43 तक बंगाल, सिंध, NWFP में गठबंधन सरकार क्यों चला रहे थे?
जिस सरकार के मुख्यमंत्री फजलुल हक थे, उस सरकार में श्यामा प्रसाद मुखर्जी उपमुख्यमंत्री क्यों बनें?

ब्रिटिश के साथ मिलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1942 के भारत छोड़ो क्रांति का विरोध क्यों किया, उसके दमन करने के लिए लिखित सुझाव क्यों भेजे?
1942 में बंगाल के दुर्भिक्ष में 25 से 30 लाख बंगाली रास्तो पर भूखे मर गये थे. उन्हें बचाने के लिए श्यामा प्रसाद और हिन्दू महासभा ने क्या किया और क्यों मुस्लिम लीग से गठबंधन नही तोड़ा?

23 मार्च, 1940 मुस्लिम लीग के लाहौर अधिवेशन में बंगाल के मुख्यमंत्री फजलुल हक पाकिस्तान का प्रस्ताव रख रहे थे. पाकिस्तान का प्रस्ताव पास होने के बावजूद भी श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जिन्नाह की मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन क्यों नही तोड़ा?

आपको बेवक़ूफ़ समझने वाले यही लोग और इनके नेता लाल कृष्ण आडवाणी 2005 में पाकिस्तान में जिन्ना की मज़ार पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने क्यों गये?

इतिहास बताता है कि मुस्लिम लीग से प्रेम, सदा ही BJP और उनके पूर्वजों का रहा है, तो कांग्रेस के मेनिफेस्टो को मुस्लिम लीग से जोड़ने वाले लोग पहले अपने गिरेबान में झांक लें – अच्छा रहेगा!

संवाद;मोहमद अफजल इलाहाबाद

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