सुप्रीम कोर्ट ने द केरला को लेकर वेस्ट बंगाल सरकार से पूछा कि इस स्टोरी पर क्यों लगाई रोक ,जनता को निर्णय करने दिया जाए
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से पूछा है, ‘द केरला स्टोरी’ पर प्रतिबंध क्यों, जनता को निर्णय करने दिया जाए। पश्चिम बंगाल सरकार को बुधवार तक जवाब देना है, देगी, पर इसके निम्नलिखित कारण बताये जा सकते हैं, क्योंकि
गुजरात पर बीबीसी की फिल्म प्रतिबंधित हो सकती है तो यह क्यूं नहीं?
गुजरात मॉडल के प्रचारक इसका प्रचार कर रहे हैं, इसलिए
यह सरकार का काम नहीं है, डबल इंजन का भी नहीं, यह तो अति है। फिल्म का जनता के दिमाग पर प्रभाव पड़ता है, विषय भी ऐसा है। फिल्म देखने वालों की राय है कि यह प्रभाव सही नहीं होगा।
विधायक खरीद कर बनी भाजपा की सरकार ने इसे टैक्स मुक्त कर दिया है।
फिल्म वयस्कों के लिए है, टैक्स मुक्त नहीं हो सकती है फिर भी (विवाद है) टैक्स मुक्त करके लोगों को जबरन दिखाना जरूरी समझा जा रहा है।
साफ है कि फिल्म किसी और उद्देश्य को पूरा करने वाली हो सकती है। फिल्म में गलत जानकारी और संख्या बढ़ा कर कहने का मामला साबित है।
बहुप्रचारित फिल्म को देखकर जनता निर्णय करेगी तो कमाई का लक्ष्य !
कोई ऐसी फिल्म नहीं है जिसे देखना जरूरी है और नुकसान भी नहीं है।
मोदी सरकार फिल्म का प्रचार कर रही है इसलिए शक होता है। फिल्म जनहित में है या धन कमाना उद्देश्य नहीं है, ऐसा कोई दावा नहीं है।
फिल्म सामान्य होती तो हम बैन क्यों करते? इतना अधिकार तो हमें होना चाहिए।
संवाद; पिनाकी मोरे,मोहमद दादासाहब पटेल