लोक सभा चुनाव 2024 प्रथम चरण की 102सीटों का संभावनाओं का क्या खास है आकलन?
विशेष संवाददाता
सज्जाद अली नयानी
लोकसभा के प्रथम चरण की 102 सीट
संभावनाओं का एक आकलन” जरूरी नही है कि आप सहमत हों हमारे सहयोगियो के द्वारा ओपिनियन बनाया गया है।
इस समय देश की बड़ी-बड़ी राजनीतिक कंपनियां अपने साधनों के माध्यम से प्रथम चरण के सर्वे लेकर गोदी मीडिया की मुख्य भूमिका में एक पार्टी विशेष का माहौल बनाती हुई नजर आएगी!
लेकिन प्रथम चरण के चुनाव में क्या तस्वीर उभर कर आएगी इसका एक आकलन जमीनी स्थितियों से हमने सहयोगियो की मदद से विश्लेषित करने की कोशिश की है !
प्रथम चरण में तमिलनाडु की 39, ,राजस्थान की 12, उत्तर प्रदेश की 8, मध्य प्रदेश की 6, उत्तराखंड असम और महाराष्ट्र की पांच पांच, बिहार की 4, पश्चिम बंगाल की तीन,
उत्तर पूर्व के प्रदेशों की 1 1और केंद्र शासित प्रदेशों की 4 सीटों पर चुनाव होने जा रहा है!
तमिलनाडु में बयार एक तरफ बह रही है। अन्नामलाई के आने के बाद भारतीय जनता पार्टी एक या दो सीटों पर डेंट लगाने की कोशिश कर रही है, पर ऐसा लगता है इस प्रदेश में डीएमके के साथ इंडिया गठबंधन 36 सीट्स ले जाने में कामयाब होगा। इसमें आठ कांग्रेस और 28 डीएमके की सीट होगी। जबकि दो सीटों पर एडीएम के तथा एक सीट पर भारतीय जनता पार्टी अपना खाता खोल सकती है। यहां एनडीए को कुल मिलाकर एक सीट मिल सकती है। यहां राम मंदिर का कोई मुद्दा नहीं है! पिछले चुनाव में भी यहां भाजपा का खाता नहीं खुला था।
उत्तर पूर्व की जो 11सीट हैं उनकी कहानी भी अजीब है। यहां पर भी एनडीए गठबंधन इंडिया के मुकाबले पिछड़ता हुआ नजर आ रहा है, एक त्रिपुरा की ,एकअरुणाचल प्रदेश की, एक मणिपुर की कल तीन सीट एनडीए गठबंधन की तरफ झुकी हुई नजर आ रही है। बाकी 8 सीटों पर इंडिया या इसके गठबंधन दल हावी रहे गे। फिर भी मोटे तौर पर यह तो माना ही जा सकता है कि 7 सीट पर इंडिया गठबंधन बढ़त में रहेगा।
राजस्थान की 12 सीटों की कहानी भी चौकाने वाली है। मैंने कल भी आपको लिखा था चूरू झुंझुनू नागौर गंगानगर और करौली धौलपुर इन पांच सीटों पर तो इंडिया गठबंधन की साफ-साफ एज लग रहा है। बची हुई 7 सीटों में भी एक या दो सीट इंडिया गठबंधन की तरफ आ सकती है, राजस्थान में भी मुकाबला कांटे का है और लगभग बराबरी का है।
प्रथम चरण में जो उत्तर प्रदेश की सीट हैं सहारनपुर , केराना मुरादाबाद, रामपुर, मुजफ्फरनगर, नगीना, बिजनौर और पीलीभीत
इनमें 6 सीट मुस्लिम बहुल है।
ऐसे मे सहारनपुर में तो कांग्रेस के गठबंधन के उम्मीदवार इमरान मसूद की जीत निश्चित मानी जा रही है।
वही केराना में समाजवादी प्रत्याशी इकरा हुसैन सुरक्षित स्थिति में है।
रामपुर और मुरादाबाद में भी समाजवादी उम्मीदवारों को अग्रता है। पीलीभीत में वरुण गांधी का विद्रोह भारतीय जनता पार्टी के लिए सर दर्द साबित हो सकता है। बिजनौर और नगीना में मायावती तय करेगी कौन उम्मीदवार जीतेगा? मुजफ्फरनगर अलबत्ता भारतीय जनता पार्टी के लिए फिलहाल सुरक्षित है। यानी 8 मे से चार या पांच सीट इंडिया की तरफ जाती हुई नजर आ रही है।
मध्य प्रदेश की 6 सीटों में जबलपुर सीधी शहडोल मंडला बालाघाट और छिंदवाड़ा शामिल है। यहां पर भी कम से कम छिंदवाड़ा में एक सीट पर इंडिया गठबंधन परिणाम दे सकता है यह सीट पिछली बार भी कांग्रेस ने जीती थी।
असम की 5 सीट जोरहाट डिब्रूगढ़ लखीमपुर ,
मणिरंगा और सोनितपुर शामिल है। इन 5 सीटों में एक सीट पिछली बार भी कांग्रेस ने जीती थी और जोरहाट की सीट पर भी पूर्व मुख्यमंत्री गौरव गोगोई उम्मीदवार है। वहां से भी कांग्रेस को उम्मीदें हैं यानी असम की 5 सीटों में से भी इंडिया गठबंधन दो पर परिणाम दे सकता है।
उत्तराखंड की 5 सीटों पर एक हरिद्वार की सीट पर जहां हरीश रावत के बेटे विजेंद्र रावत चुनाव लड़ रहे हैं वहां कांग्रेस को थोड़ी उम्मीदें हैं! वैसे गढ़वाल में भी कांग्रेस को उम्मीदवार गणेश डॉन्डियाल ने भी अच्छा समा बांध रखा है।
बिहार की चार सीट जमुई नवादा ,औरंगाबाद, और गया है यहां पर भी जमुई और औरंगाबाद में आरजेडी परिणाम दे सकते हैं फिर भी इन चार में से एक सीट इंडिया गठबंधन के खाते में जाती हुई मानी जा सकती है।
छत्तीसगढ़ की बस्तर सीट पर भी चुनाव है , यहां प्रसिद्ध आदिवासी नेता कवासी लखमा को उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस ने अपनी एज बना ली है। झारखंड के आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद वैसे भी आदिवासी मतदाता
आक्रोशीत है।
पश्चिम बंगाल के तीन सीट कूचबिहार ,अलीपुरद्वार, और जलपाईगुड़ी है , इन तीनों सीटों पर पिछली बार
भाजपा ने जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार तृणमूल कांग्रेस के सशक्त चुनौती से उसे रूबरू होना पड़ रहा है, अलीपुरद्वार में उसका अपना उम्मीदवार बदला है और ऐसा माना जा रहा है कि इन तीन सीटों में से कम से कम एक सीट अलीपुरद्वार तृणमूल कांग्रेस सुरक्षित स्थिति मे है।
केंद्र शासित प्रदेशों की जो चार सीट है अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, पांडिचेरी और जम्मू एंड कश्मीर की लद्दाख इन चारों सीटों पर इंडिया गठबंधन बहुत मजबूत स्थिति में है और पहले भी दो सीट इंडिया गठबंधन ने जीती थी। लद्दाख में जरूर बीजेपी जीती थी लेकिन लद्दाख के जो हालात है उससे लगता है इस बार इंडिया गठबंधन वहा बेहतर परिणाम देगी।
महाराष्ट्र की 5 सीटों में भी महाराष्ट्र की महायुति 2 सीटों पर बेहद सुरक्षित एवं मजबूत स्थिति में है!
नागपुर चंद्रपुर गडचिरोली भंडारा_ गोदिया और रामटेक इन पांच सीटों पर चुनाव है। जहां चंद्रपुर में पिछली बार भी कांग्रेस जीती थी और इस बार महायुती के साथ रहने से भंडारा गोदिया में भी
नाना पटोले का प्रभाव क्षेत्र होने से कांग्रेस सुरक्षित मानी जा रही है।
पूर्वी विदर्भ की इन सभी सीटों पर महायुति से कांग्रेस को उम्मीदवार हैं। जबकि NDA गठबंधन में चार सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के और रामटेक पर शिंदे शिव सेना का उम्मीदवार है जो सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र है।
प्रथम चरण में तमिलनाडु में 36 राजस्थान में कम से कम पांच, उत्तर प्रदेश की 8 सीटों में से पांच मध्य प्रदेश की 6 सीटों में से एक उत्तराखंड की 5 सीटों में से एक असम की 5 सीटों में से दो, महाराष्ट्र के 5 सीटों 1में से दो। बिहार की चार सीटों में से एक पश्चिम बंगाल की। तीन सीटों में से एक उत्तर पूर्व की 11 सीटों में से7, केंद्र शासित प्रदेश की चार सीटों में चारों सीट
याने36+5+5+1+1+2+2+1+1+7+4=65
65 सीटों पर यदि चुनाव ईमानदारी से हुए तो इंडिया गठबंधन आगे रहता हुआ नजर आएगा।
एक बात की क्रोनोलॉजी और समझ लीजिए चुनाव उन क्षेत्रों में प्रारंभिक दौर में रखे गए हैं जहां विपक्षी गठबंधन मजबूत है याने इंडिया के लिए संभावना ज्यादा है।
परिणाम लगभग 40 दिन बाद आएगा ऐसे में मशीनों के सवालों का भी एक अज्ञात भय विश्लेषण को प्रभावित कर सकता है।
यह हमारी टीम का व्यक्तिगत विश्लेषण है आपका सहमत होना आवश्यक नहीं है और वह भी इसलिए हमने लिखा है क्योंकि आने वाले एक सप्ताह के अंदर इस देश की मानसिकता को भ्रमित करने के लिए तथा कथित सर्वे एजेंसीयो द्वारा एक माहौल बनाने का प्रयास किया जाएगा जिसे गोदी मीडिया पूरी बेशर्मी से प्रचारित करेगा और फिर मशीनों के खेल के लिए परसेप्शन बनाने की जमीन तैयार कर दी जाएगी!
यदि आपका चुनाव क्षेत्र भी प्रथम चरण में शामिल है तो आप अपनी राय से अवगत करा सकते हैं।