मुख्य चुनाव आयुक्त शेर शायरी में माहिर है , आम जनता पूछ ती है कि मुंबईउत्तर पश्चिम सीट पर जो भी गड़बड़झाला हुआ है इसका जिम्मेदार कौन है

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*”मुंबई उत्तर पश्चिम सीट विवादों को हवा देती कुछ और बातें”*
विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

“मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार कब करेंगे शेर शायरी”
मुंबई उत्तर पश्चिम सीट को लेकर कुछ और नई बातें सामने आई है!
मुंबई से पत्रकार सोनित मिश्रा की रिपोर्ट के अनुसार 17c फॉर्म में गड़बड़ी के आरोप भी लगाए जा रहे हैं?

अपनी रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि 19 वे राउंड तक जो सहायक रिटर्निग अधिकारी होता है वो हर दौर के बाद माइक पर अनाउंस करता है जिसमें उन 14 टेबलों की काउंटिंग के आंकड़ों का जिक्र होता है जो बाद में कंपाइल कर कर पूरे दौर की गणना बताता है!

मतगणना में बैठे हुए लोगों का कहना है 19 राउंड तक तो सब ठीक-ठाक चला लेकिन जब 19 राउंड के बाद यह लगने लगा टक्कर बहुत कांटे की है तो उसके बाद 20से 26 राउंड तक सहायक रिटर्निंग अधिकारी द्वारा माइक पर अनाउंसमेंट बंद कर दिया गया!

यानी 20 से 26 राउंड तक की टेबल बार स्थिति गणना करने वालों को पता नहीं चली। टेबल बार गणना के बाद जो काउंटिंग एजेंट बैठे रहते हैं वह evm का मिलान कर लेते हैं कि उसमें कितने वोट दर्ज थे और कितने वोट गिने गए? लेकिन 20 राउंड से लेकर 26 राउंड तक प्रशासन द्वारा इस तरह की कोई सूचना नहीं दी गई !

सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि उद्धव शिवसेना के लोग आरोप लगाते हैं 26 राउंड के बाद जो अंतिम परिणाम दिए गए उनमें बीसवे राउंड से लेकर 26 वे राउंड तक जीतने वोट गिने गए और जीतने वोट evm में डले थे उनमें 650 मतों का अंतर था।

मतलब 650 मत कम गिने गए, और यह बात चुनाव आयोग के आंकड़ों में भी स्पष्ट है। क्योंकि 17c फार्म का एक विभाग और होता है 17 c का b जिसमें काउंटिंग के बाद के आंकड़े दिए जाते हैं 17 सी के प्रथम भाग और द्वितीय भाग में भी जो चुनाव आयोग द्वारा जारी किया गया है 650 मतों का अंतर है।

यह बात बहुत गंभीर है और क्रोनोलॉजी भी स्पष्ट है कि 20 से 26 वे राउंड तक अनाउंसमेंट बंद कर दिया गया। आखिर क्यों?

मोबाइल फोन के बारे में भी रोनित मिश्रा का कहना है वह फोन जैसा कि पहले और सूचनाओं में भी आया है। एंकर डाटा प्रोटेक्टर का था जो सिर्फ चुनाव आयोग का अधिकारी ही इस्तेमाल कर सकता है चुनाव आयोग के अधिकारी ने यह फोन उम्मीदवार के रिश्तेदार को क्यों दिया और वह उम्मीदवार का रिश्तेदार बार-बार टॉयलेट जाकर क्या कर रहा था?

रोनित मिश्रा ने यह भी कहा है इस फोन से evm हैक नहीं की जाती बल्कि जो ओटीपी आता है उसे हर राउंड के डाटा को कंपाइल किया जाता है।

रोनित मिश्रा यह भी कहते हैं जब यह मालूम पड़ने के बाद के यह फोन किसी उम्मीदवार के काउंटिंग एजेंट के पास है उसे काउंटिंग सेंटर से बाहर निकाल दिया जाता है उसके बाद चुनाव आयोग ने किस फोन के माध्यम से डाटा कंपाइल किया?
रोनित मिश्रा यह आरोप भी लगाते हैं शायद फोन बदल दिया गया है।

उद्धव ठाकरे शिवसेना के कुछ लोग रिटर्निंग अधिकारी को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं कि जब इतने करीब से हार जीत का घोषणा की गई तो उन्होंने वीडियो फुटेज निर्वाचन अधिकारी से मांगे निर्वाचन अधिकारी ने उनको आश्वासन दिया कि उन्हें कल दे देंगे। कल जब वह फिर मांगने गए तो उन्हें कहा परसों दे दिया जाएगा। परसों जब फिर वह मांगने गए तो फिर चुनाव आयोग का बहाना कर कर उनको मना कर दिया गया। उनका कहना है मात्र 45 दिनों तक ही डाटा सुरक्षित रखे जाते हैं चुनाव आयोग द्वारा चुनाव आयोग यह टाइम पास करने की कोशिश कर रहा है वह शीघ्र ही न्याय की शरण में जाएंगे।

एक महत्वपूर्ण बात और है यह तो कहां जा रहा है कि प्राथमिकी दर्ज हो गई है पर वह प्राथमिकी ऑनलाइन अभी तक मुंबई पुलिस के पोर्टल पर शो नहीं हुई है।
यह भी बताया जा रहा है पोस्टल बैलट में 111 मत रद्द कर दिए गए जिनका भी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।

ऐसे मामलों में अक्सर recountig की जाती है। लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने यह कहकर recounting करने से मना कर दिया की चुनाव के परिणाम की घोषणा की जा चुकी है।

इस तरह चुनाव आयोग पर बहुत सारे सवाल है पहला सवाल मिसमैच का दूसरा सवाल राउंड वार घोषणा क्यों नहीं की गई?
तीसरा सवाल चुनाव आयोग का ओटीपी जिस फोन पर आता है, वह मोबाइल उम्मीदवार के रिश्तेदार को क्यों दिया गया?
जब उस रिश्तेदार को बाहर निकाल दिया गया तो फिर डाटा कंपाइल किस मोबाइल से किया गया?
रिकाउंटिंग क्यों नहीं करवाई गई?
निष्पक्ष चुनाव की बात करने वाले लोगों से सीधा सा सवाल है क्या यह सारी स्थितियां निष्पक्षता को जाहिर करती है?

मुख्य चुनाव आयुक्त की सफाई और शेर शायरी का इंतजार रहेगा।
आप भी अपनी स्वतंत्र राय दे सकते हैं।

साभार
प्रमोद जैन,पिनाकी मोरे

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