महंतों ने अब राष्ट्रपति व राष्ट्रपिता शब्द को लेकर किस बात की आपत्ति जताई ?
रिपोर्टर.
गांधी के नाम से राष्ट्रपिता का संबोधन बंद किया जाये
महंतो ने किया विरोध कहा राष्ट्रपति नही राष्ट्राध्यक्ष का होना चाहिये सम्बोधन!
कानपुर नगर के, कई पिंडो के महंतों ने राष्ट्रपति और राष्ट्रपिता शब्द को संबोधित करते हुए आपत्तियां जताई है।
मंहतो ने पत्रकार वार्ता के दौरान बाल योगी चैतन्य अरूण पुरी जी महाराज ने बताया कि जिस तरह भारत वर्ष पिछले कई वर्षो से राष्ट्रपति और राष्ट्रपिता के नाम से संबोधित किया जा रहा है वो कतई सही नही है।
उन्होने कहा कि समस्त जनसेवा और सभी भारत वासियों से हमारी दो विनंतिया है।
पूर्व में 13 राष्ट्रध्यक्षों को राष्ट्रपति शब्द से संबोधित किया जाता रहा है।
इस भारत राष्ट्र को हमेशा भारतियोंने अपनी मां माना है, उन्होने राष्ट्रपति शब्द पर ऐतराज जताते हुए कहा कि भारत केा राष्ट्र का पिता कहे जाने पर भारतियों की भावनाये आहत हेाती है,क्योंकि हमारे नव नियुक्त राष्ट्राध्यक्ष रामनाथ कोविन्द कानपुर से है।
हम सभी उनसे निवेदन करते है कि राष्ट्रपति के स्थान पर राष्ट्राध्यक्ष का सम्बोधिन किया जाये।
वहीं दूसरी विनंती पर कहा कि भारतवासी अपने आप को भारत मां की संतान मानते है।
वही उन्होने कहा कि जिस तरह हम सभी के प्ररेरणास्त्रोत हो. करमचंद गांधी को राष्ट्रपिता कहे जाने पर भी हमारी भावनाए आहत होती है !
जिस भारत राष्ट्र को अपनी मां मानकर अपना पूरा जीवन उसकी सेवा में लगा दिया वही लोगो ने अनजाने में उसे ही भारत का राष्ट्रपिता बना दिया।
कहा कि इस पर विचार करते हुए महात्मा गांधी के लिए भी राष्ट्रपिता का सम्बोधन बंद कराया जाये।
इस दौरान महंतो ने भारत के 14वे राष्ट्राध्यक्ष रामनाथ कोविन्द को बधाई भी दी !