पत्रकारों के खिलाफ फर्जी FIR दर्ज करना पालघर पुलिस स्टे.के पुलिस निरीक्षक और पुलिस उप निरीक्षक पर पड़ा भारी ?

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रिपोर्ट:- मेहमूद शेख.

पत्रकारों पर अन्याय का मामला नागपुर अधिवेशन मे उठाया गया।
विधायक डॉ.नीलम गोऱ्हे की मांग पर पुलिस निरीक्षक किरण कबाड़ी और पुलिस उप निरीक्षक तौफीक सय्यद के खिलाफ कार्रवाई।

21 जून को पालघर पुलिस स्टेशन में न्यूज कवर करने गये पत्रकार राम परमार और मोहम्मद हुसैन खान के साथ ड्यूटी पर मौजूद पुलिस उप निरीक्षक तौफीक सय्यद ने उस समय गैर बर्ताव किया।
जब राम और हुसैन गिरफ्तार आरोपियों के फोटो निकालने की कोशिश कर रहे थे ।

उस समय पत्रकार हुसैन का मोबाइल छीने जाने का विरोध किए जाने से नाराज पुलिस अधिकारी तौफीक सय्यद ने अपने वरिष्ठों को गलत जानकरी देकर ना सिर्फ दोनों पत्रकारों के खिलाफ IPC की धारा 353 के तहत फर्जी मामला दर्ज किया ।

साथ ही कानून को शर्मसार करते हुए किसी शातिर अपराधी की तरह वरिष्ठ पत्रकार राम परमार को उसके घर से सुबह 5 बजकर 45 मिनट पर गिरफ्तार किया ।

जब इस घटना की जानकरी पालघर,ठाणे और मुम्बई के पत्रकारों को लगी तो उन्होंने पूरे घटना क्रम की जानकरी लेकर पालघर पुलिस के खिलाफ अपना रोष दर्ज कराया।

साथ ही इस मामले में दोषी पुलिस वालों के खिलाफ जांच कर कड़ी से कड़ी कार्यवाई की मांग पालघर के एस पी मंजूनाथ सिंघे से की मगर जब इस मामले में ‘मंजूनाथ सिंघे’ की भूमिका भी टालमटोल करने वाली रही ।

तब पूरे महाराष्ट्र के पत्रकारों ने 6 जुलाई को पालघर के हुतात्मा चौक पर जमा होकर जेल भरो आंदोलन किया।

साथ ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित सभी आला अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों को लिखित शिकायत कर पूरे मामले की जानकरी देते हुए पालघर के पुलिस निरीक्षक किरण कबाड़ी ,पुलिस उप निरीक्षक तौफीक सय्यद व पालघर के एस पी मंजूनाथ सिंघे पर कड़ी से कड़ी कार्यवाई करने की मांग की।

मांग पूरी नही होने के रूप देश भर के पत्रकार संगठनों ने नागपुर में चलने वाले अधिवेशन में 12 जुलाई को चड्डी बनियान आंदोलन करने की चेतावनी दी थी ।

मगर पत्रकारों द्वारा जन प्रतिनिधियों को लिखे शिकायत पत्र पर संज्ञान लेते हुए शिवसेना की प्रवक्ता व आमदार नीलम गोरहे ने पत्रकारों के शिष्ट मंडल से पूरे मामले की जानकरी लेकर इस मामले को नागपुर अधिवेशन में उठा ताकि पत्रकारों को न्याय मिल सके ।

नीलम गोरेकी मांग पर विधानसभा के सभापति ने ये आदेश जारी किया, कि तत्काल पुलिस निरीक्षक किरण कबाड़ी और पुलिस उप निरीक्षक तौफीक सय्यद पर कड़ी से कड़ी कार्यवाई की जाए।

इस के साथ ही पालघर एस पी मंजूनाथ सिंघे का तबादला भी दूरी जगह किया जाए।

शिवसेना प्रवक्ता ‘नीलम गोरे’ द्वारा पत्रकारों को न्याय के पक्ष में आवाज उठाने और न्याय दिलाने के लिए सभी पत्रकार संघठनो ने उनका आभार माना है ,साथ ये आग्रह भी किया कि वे पत्रकरो की आवाज को आगे भी इस तरह बुलंद कर सरकार से जल्द से जल्द पत्रकार कायदा को पास करने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगी |

पालघर जिल्हा पत्रकार समन्वय समिति के साथ संलग्न होकर इस आंदोलन में कई अखबारों एवं न्यूज़ चैनल के पत्रकार जिनमे प्रमुख रूप से प्रभाकर कुडालकर, रामाकांत पाटिल, जय सिंह, महेश गुप्ता, अरुण कुमार गुप्ता, प्रासंजीत इंगले,राजा मयाल, प्रतीक ठाकुर, शशि शर्मा, आर एस यादव, विजय गायकवाड़, बसंत अग्रहरि, प्रवीण नलावाड़े सहित सैकडों पत्रकारों ने भाग लिया था ।

पालघर जिल्हा पत्रकार संघ, युवा पत्रकार संघ, मराठी पत्रकार परिषद, दि प्रेस क्लब ऑफ वसई विरार, वसई विरार महानगर पत्रकार संघ, क्राइम रिपोर्ट्स वेलफेयर एसोसिएशन के साथ-साथ कई सामाजिक संगठन जिनमे प्रमुख श्रमजीवी संगठना, आदिवासी दलित सेना एवं वकीलों की बार काउंसिल ने भी जाहिर समर्थन दिया ।

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