नोट बन्दी के बाद किस जगह हो रहा है एक और 10 के सिक्के लेने से इनकार ? इसे लेने से इनकार किया तो उसे कितने साल की होगी जेल ? जाने !
रिपोर्टर.
सिक्के का सिक्का ना लेने वालों के लिए जरूरी खबर, आरबीआई ने दिया यह निर्देश।
नोटबंदी का दौर बीते दो साल हो चुके हैं, लेकिन अभी भी बाजार में सभी प्रकार के सिक्के लेने से इंकार किया जा रहा है।
देश के किसी हिस्से में 10 रुपये का सिक्का नहीं चल रहा है, तो कहीं एक रुपया का छोटा सिक्का नहीं लिया जा रहा है।
हालांकि सरकार का कहना है कि सभी सिक्के वैध हैं।
देश की राजधानी दिल्ली से महज 100 किलोमीटर दूर रेवाड़ी में 10 रुपये का कोई भी सिक्का नहीं स्वीकारा जा रहा है।
रेवाड़ी से दिल्ली आए कुलप्रीत को जब शुक्रवार को डीटीसी बस में एक कंडक्टर ने 10 रुपये का सिक्का दिया, तो उसने लेने से इनकार कर दिया।
कुलप्रीत का कहना है कि रेवाड़ी में यह सिक्का नहीं चलता है, इसलिए वह इसे नहीं लेंगे।
वहीं, कंडक्टर इस बात के लिए अड़ा था कि यह वैध सिक्का है और उसे लेना ही होगा।
यदि वह सिक्का लेने से इनकार करते हैं तो इसकी सूचना पुलिस को दी जाएगी और उन्हें सात साल की जेल हो सकती है।
एक रुपया के छोटे सिक्के से इनकार दिल्ली एनसीआर में भी सभी सिक्के आसानी से स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं।
दिल्ली से लगे गाजियाबाद में रहने वाले महिपाल भाटी का कहना है कि दिल्ली में उसे किसी दुकानदार ने एक रुपया का छोटा सिक्का दे दिया था।
उसे गाजियाबाद के कई दुकान में देने की कोशिश की, लेकिन उसे लेने से सभी ने इनकार कर दिया है।
फल बेचने वाले, सब्जी बेचने वाले तो यहां तक कहते हैं कि एक रुपया कम दे दो, लेकिन यह सिक्का नहीं दो।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी 10 रुपये का सिक्का नहीं चलता है।
इसके अलावा कोरबा, चांपा जिले में भी ऐसा ही देखा गया।
वहां चाहे बस हो, रेहड़ी के दुकानदार हो या बड़े मॉल हो, कहीं भी 10 रुपये का सिक्का स्वीकार नहीं किया जा रहा है।
लेकिन उसी शहर में पांच रुपये और दो रुपये के सिक्के आराम से स्वीकार किए जा रहे हैं।
नोटबंदी के बाद पैदा हुई थी यह स्थिति बैंक के अधिकारी बताते हैं कि साल 2016 के नवंबर में जब नोटबंदी हुई थी तब बाजार में बड़े पैमाने पर सिक्के उतारे गए थे।
उन सिक्कों को जब वापस बैंकों में जमा किया जाने लगा तो बैंक कर्मचारी उसे लेने में आनाकानी करते थे।
उस दौरान बैंक कर्मियों का कहना था कि नोटों को तो मशीन से गिन लिया जाएगा, लेकिन हजारों हजार सिक्कों को कौन गिनेगा।
वैसे भी बैंक में कर्मचारियों की किल्लत है, ऐसे में एक ग्राहक का सिक्का गिनने में एक घंटा लगेगा, तो काउंटर पर ग्राहकों की लंबी लाइन लग जाएगी।
सभी सिक्के हैं वैध रिजर्व बैंक के प्रवक्ता का कहना है कि जो भी सिक्के जारी किए गए हैं,वह रिजर्व बैंक के नियम के तहत जारी किए गए हैं। इसलिए सभी सिक्के वैध हैं।
यदि कोई व्यक्ति या बैंक इसे लेने से इनकार करता है तो उसकी सूचना पुलिस को दी जानी चाहिए, ऐसा करना अपराध है।