नॉट बंदी के बाद अब केंद्र सरकार कालेधन पर शिकंजा कसने के कौशिश में घरों में नकदी रखने को लेकर कोई अहम् फैसले की फ़िराक में है , क्या और किस तरह का हो सकता है फैसला? देखिये इस कवरेज में !

jaitley

रिपोर्टर,

केंद्र सरकार कालेधन पर एक बार फिर शिकंजा कसने जा रही है। अब सरकार घरों में नकदी रखने की सीमा तय कर सकती है?

नोटबंदी के बाद लगातार चल रही छापेमारी में भारी मात्रा में नकदी पकड़ाने के मद्देनजर वित्त मंत्रालय नकदी सीमा तय करने की जरूरत महसूस कर रहा है।

खबर है कि मंत्रालय विभिन्न एजेंसियों के साथ इस बात पर विचार कर रहा है कि, आखिर घरों में नकदी रखने की सीमा क्या हो ?

सूत्रों की मानें तो मंत्रालय इस संबंध में जल्द फैसला लेकर इसकी घोषणा कर सकता है!

दरअसल, कालेधन पर बनी एसआईटी के अध्यक्ष जस्टिस एमबी शाह और उपाध्यक्ष अरिजित पसायत ने वित्त मंत्री अरुण जेटली  को पत्र लिखकर कहा है कि अगर नकदी रखने की सीमा तय नहीं की गई तो नोटबंदी प्रभावी साबित नहीं होगी।

इस चिट्ठी में दोनों ने कहा कि अगर नकदी सीमा तय नहीं हुई तो लोग फिर से कालाधन जमा कर लेंगे?

15 लाख हो सकती है सीमा

कालाधन पर गठित एसआईटी के अध्यक्ष जस्टिस एमबी शाह और उपाध्यक्ष अरिजित पसायत ने भी इस सिलसिले में सरकार को सुझाव दिया है।

इन दोनों ने वित्त मंत्री अरुण जेटली  को पत्र लिखकर कहा है कि अगर नकदी रखने की सीमा तय नहीं की गई तो नोटबंदी का कोई असर नहीं होगा!

पत्र में हालांकि नकदी रखने की अधिकतम सीमा स्पष्ट नहीं की गई है लेकिन माना जा रहा है कि यह सीमा 15 लाख रुपए तय की जा सकती है?

एसआईटी ने जुलाई में वित्त मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में 15 लाख से अधिक कैश रखने के लिए आयकर आयुक्त से अनुमति की सिफारिश की थी!

एसआईटी ने यह भी कहा था कि कोई खाते से 3 लाख रुपए से अधिक निकालता है, तो इसकी सूचना वित्तीय खुफिया इकाई और आयकर विभाग को दी जानी चाहिए ?

 

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