डूबते को तिनके का सहारा , ऐसे में दिग्विजय सिंह ने कॉंग्रेस को बचाने के लिए क्या कुछकहा ? जाने !
रिपोर्टर.
आइडिया एक्सचेंज इवेंट में इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में आज दिग्विजय सिंह जी भी काफी मुखर थे।
बात चीत के दौरान आज AICC के जनरल सेक्रेटरी ने यह भी कहा कि २०१४ में मिली हार पर बनाई गई ए.के एंटनी कमेटी की सिफारिशे लागू होना बाी हैं !
दिग्विजय ने कहा कि रिपोर्ट पर राहुल गांधी ने १५० से ज्यादा वरिष्ठ नेताओं के अलावा पार्टी के राज्य और जिला इकाइयों से चर्चा की।
रिपोर्ट २८ फरवरी २०१५ को सौंपी गई थी, और इसी के मद्देनजर एक नई कांग्रेस का मसौदा तैयार होना था। बता दे क़ि दुर्भाग्यवश ये हो नहीं पाया हैं ।
उन्होंने कहा कि सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही जानते हैं कि कब रिपोर्ट की सिफारिशें लागू होंगी?
उन्होंने कहा कि पार्टी में नेतृत्व की परेशानी नहीं है और कार्यकर्ताओं को एक जुट रखने में गांधी परिवार ही अहम भूमिका निभा रहा है।
भविष्य में प्रियंका गांधी वाड्रा का किरदार क्या होगा, इस पर दिग्विजय ने कहा कि यह उनके परिवार का फैसला होगा!
पूरे देश में पार्टी के कार्यकर्ता बहुत खुश होंगे, अगर प्रियंका गांधी राजनीति में आती हैं !
अभी जहाँ एक तरफ कांग्रेस उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में अपनी पराजय की वजह तलाशने में जुटी है। वहीं दूसरी ओर पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एक नई मांग कांग्रेस में उठा दी ।
कांग्रेस में बदलाब को लेकर, ठीक मणिशंकर जी जैसी शैली हो, कांग्रेस जिसका एक नया विधान और रोडमैप और नए स्टाइल की कैंपेनिंग हो।
आइडिया एक्सचेंज इवेंट में इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि
हम चाहते हैं एक नई कांग्रेस बने और यह राहुल गांधी से बेहतर कोई नहीं कर सकता, उन्हें काम करना ही पड़ेगा।
उन्होंने राहुल गाँधी जी पर उनकी सलाह न मानने की बात भी कबूली, एक तरह से वह भी मणिशंकर जी की तरह अप्रत्यक्ष उन पर ही सवाल उठाते नज़र आये ।
उन्होंने कहा कि मेरी राहुल गांधी से यही शिकायत है कि वह निर्णायक रूप से काम नहीं कर रहे हैं।
मैं कई बार उन्हें यह कहा है, वह इस पर बहुत बार नाराज भी हुए हैं कि मैं वही चीज बार-बार क्यों दोहराता रहता हूं?
2014 के बाद लगातार चुनाव हारने और पार्टी के भविष्य को लेकर सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमें आज के दौर के मुताबिक कांग्रेस को उसी अनुरूप ढालना होगा और मिडिल क्लास की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस को पार्टी के लिए एक नया एक्शन प्लान तैयार करना होगा?