जश्ने ईद मीलादुन नबी क्या है और हम इसको क्यों मनाते हैं ?
रिपोर्टर.
जश्ने ईद मीलादुन नबी से मुराद उस दिन की खुशी है जिस दिन इमामुल अम्बिया प्यारे मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम अल्लाह तआला की रहमत और नेमत बन कर इस दुनिया में तशरीफ़ लाएं।
और हम इस दिन का जश्न अल्लाह तआला के हुक्म से मनाते हैं इस दिन प्यारे नबी करीम सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम की आमद बरकात उनकी अजमत और मोजिजात बयान किये जाते हैं ।
अल्लाह तआला ने फरमाया तुम फरमाओ अल्लाह तआला के फज्ल और उसकी रहमत और इसी पर चाहिए।
कि खुशी करें वो उनके सब धन दौलत से बेहतर है (तरजुमा कन्जुल ईमान सूराह युनुस आयत 58 )।
सहाबी रसूल हज़रत अब्दुल्ला बिन अब्बास रजियल्लाहू तआला अन्हू फरमाते हैं कि इस आयत में फज्ल से मुराद नबी करीम सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम की जाते अकदस है ।
( इब्ने असाकर जिल्द 42 सफा नम्बर 362 )
हमारे नबी करीम सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम अल्लाह तआला की रहमत हैं ।
अल्लाह तआला ने फरमाया । ( हम ने तुम्हें सारे जहाँन के लिए रहमत बना कर भेजा )।
( सूराह अम्बिया आयत 104 )।
इन आयात से पता चला कि अल्लाह तआला हमें हुक्म फरमा रहा है कि उसके फज्ल और रहमत पर खुशी मनाओ और ये भी बता दिया कि वो फज्ल और रहमत मेरा नबी है !
अल्लाह तआला अपने नबी की आमद पर चर्चा करने का हुक्म फरमा रहा है ।
( और अपने रब की नेमत का खूब चर्चा करो ) ( सूराह वद्दुहा आयत 11 )।
अल हदीस ( नबी पाक सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम अल्लाह तआला की नेमत हैं।
( बुखारी जिल्द 2 सफा नम्बर 41 )।
तो पता चला अल्लाह तआला की नेमत यानी हमारे प्यारे नबी सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम की आमद पर जश्न मनाना अल्लाह तआला का हुक्म है।
इसलिये अहले सुन्नत वल जमाअत हर साल जश्नेईद मीलादुन नबी मनाते हैं और मनाते रहेंगें
इन्शा अल्लाह तआला ।