क्या कारण है कि गुजरात चुनाव से रोहिंग्या मामला गायब है?

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रिपोर्टर.

गुजरात चुनाव से रोहिंग्या मसला गायब है,इसके दो कारण है सरकार की मूर्खता और इंटरनेशनल थप्पड़ ।

ऊपर का माला खाली होने पर क्या क्या होता है वो पढिये।
म्यांमार ASEAN देशो का Gateway है।
रोहिंगिया मुद्दे पर भारत के पास साउथ एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाने का सुनहरा मौका था।

आज चीन म्यांमार और बांग्लादेश के बीच मध्यस्थ और अभिवावक की भूमिका में है।
ये भूमिका भारत की होनी चाहिये थी ,चीन का 3 सूत्रीय फार्मूला काम कर गया।

राखाईन प्रदेश में युद्ध विराम, रोहिंगियावो का देश छोड़ना बन्द करना और रिफ्यूजी लोगो को वापस लाना।
म्यांमार और बांग्लादेश के बीच और गहरे राजनैयिक सम्बन्ध बनाना।

राखाईन में गरीबी हटाने के लिये पूरे विश्व से पैसे जुटाना चीन भी सहायता देगा।
पूरे विश्व ने इन प्रस्तावो का समर्थन किया है।भारत से कोई पूछता भी नही!

म्यांमार बहुत खुश है क्योंकि चीन ने भारी निवेश का वादा किया हैशर्त एक ही है रोहिंगिया हत्या बन्द,म्यांमार ने शर्त मान ली।

बांग्लादेश और ज्यादा खुश है क्योंकि रिफ्यूजी के चलते उनकी इकॉनमी पर प्रभाव पड़ रहा था।
चीन ने बांग्लादेश को भी सहायता घोषणा कर दी है।

मोदी जब म्यांमार गये थे तो उन्होंने रोहिंगिया शब्द भी उच्चारण नही किया !

मीडिया ने बोला मास्टरस्ट्रोक बन गये चौबे से दुबे?
मानवाधिकार मुद्दे पर भारत की आलोचना हो रही है पूरे विश्व मे आजतक नही हुई थी ऐसी आलोचना।
म्यांमार और बांग्लादेश में हाइड्रोपावर, रोड प्रोजेक्ट भारत के हाथ से निकल कर चीन जाने लगे है!

विदेश विभाग के अफसरो ने सरकार को वार्निंग दी थी।
लेकिन गोबर, गोमूत्र, गोस्वामी, कश्यप, सरदाना, सुधीर और रजत जैसे मंदबुद्धि गधो ने भारत को कही का नही छोड़ा !

2 महीने के अंदर बांग्लादेश से सारे रोहिंगिया म्यांमार वापस चले जायेंगे!

चीन के करोड़ो डॉलर दोनो देश मे बरसेंगे..भारत को इस समझौते से अलग रखा गया है,चीन ने बहुत जोरदार पटखनी मारी है !

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