कैसे और क्यों शिवराज सरकार के गले की फांस बनी एक करोड़ की मुआवजा राशि ?

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रिपोर्टर.

किसान आंदोलन के दौरान मंदसौर में हुई किसानों की मौत के बाद मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की घोषणा सरकार ने की है|।

इस घोषणा को लेकर सरकार घिर गई है,अब तक कांग्रेस सरकार पर प्रहार कर रही थी, लेकिन अब भाजपा के ही लोग शिवराज सिंह चौहान के इस निर्णय को गलत बता रहे हैं !

भाजपा नेता और पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने किसानों को एक करोड़ का मुआवजा देने पर आपत्ति जताई है!
उन्होंने कहा है कि सरकार के अनुसार आंदोलन में असामाजिक तत्व ने उग्र प्रदर्शन किया है फिर सरकार एक करोड़ का मुआवजा क्यों दे रही है ?

गौर तलब है कि मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गई थी वहीं एक घायल की इंदौर के अस्पताल में मौत हुई|।
सरकार की ओर से पहले 10 लाख मुआवजा देने की घोषणा की थी, फिर विवाद बढ़ता देख CM शिवराज सिंह चौहान ने घबराहट में मुआवजा राशि बढाकर 1 करोड़ कर दी।

जिसको लेकर कांग्रेस ने भी सरकार को घेरा और कहा था कि जब सरकार आंदोलन करने वालों को किसान नहीं असामाजिक तत्व मान रही है तो फिर उन्हें इतना मुआवजा क्यों दे रही है ?
किसानों की मौत पर बोली क्यों लगाई जा रही है।
भाजपा नेता रघुनंदन शर्मा ने 1 करोड़ मुआवजा देने पर सवाल खड़े किये हैं।
उन्होंने कहा इतना मुआवजा तो सरहद पर शहीद होने वाले जवानों को भी नहीं दिया जाता ,सरकार को इस फैसले पर पुनः विचार करना चाहिए।

अब सरकार के लिए यह घोषणा गले की फांस बन गई है!
अब तक इसको लेकर विपक्ष हमला बोल रहा था।
लेकिन अब उन्ही के नेता इसे गलत बता रहे हैं।

क्यूंकि इतनी बड़ी रकम मुआवजे के रूप में देने के कारण भविष्य में आगे भी करोड़ो में मुआवजा देने की मांग की जा सकती है।
जिसको लेकर सरकार के इस निर्णय पर भविष्य में सवाल खड़े हो सकते हैं !

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