केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार, खासकर पीएम मोदी के रवैए से संघ की नाराज़गी के संकेत

विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने लोकसभा चुनाव पर पहली प्रतिक्रिया दी है। भागवत ने संघ की पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया में चुनाव प्रचार में इस्तेमाल की गई भाषा और प्रचार में संघ को भी घसीटे जाने पर एतराज़ जताया है।

मणिपुर के मुद्दे के बहाने उन्होंने नरेंद्र मोदी की शासन नीति पर इशारों-इशारों में कड़ी टिप्पणी की है। भागवत ने कहा है कि मणिपुर एकबार डेढ़ साल से शांति की राह देख रहा है। उस पर प्राथमिकता से विचार करना होगा।

यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रवैये से से संघ की अप्रसन्नता का पहला स्पष्ट संकेत है।

ग़ौरतलब है कि मणिपुर की नस्लीय हिंसा और महिलाओं के साथ हुई यौन हिंसा को लेकर राहुल गांधी समेत पूरी कांग्रेस ने और विपक्ष के गठबंधन ने केंद्र सरकार और नरेंद्र मोदी पर लगातार तीखा हमला बोला और मणिपुर न जाने को लेकर मोदी की संक्त आलोचना भी की।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में मणिपुर भी शामिल था। लोकसभा चुनावों में मणिपुर की दोनों सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली है। ये भी पीएम मोदीजी के लिए गौर फिक्र के लिए अहम मुद्दा माना जा रहा है। तो दूसरी ओर कुछ चंद दिनों पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा बीजेपी और आरएसएस को लेकर दिए गए बेतुके बयान को लेकर संघ प्रमुख की खास नाराजी देखी जा रही है। उनका मानना है कि बीजेपी के बड़े बड़े नेताओं का अहंकार बीजेपी को सर्वनाश और पतन का बड़ा कारण बन सकता है। इस लिए अहंकार पर परहेज करे।

संवाद:पिनाकी मोरे

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