करोड़ो के घोटालेबाज़ विजय माल्या की बढ़ गई मुसीबतें, जानिए !
रिपोर्टर.
करोड़ों की हेराफेरी कर भारत के भगोड़े विजय माल्या को अब काफी मुश्किल भरा वक्त का सामना करना पड़ सकता है।
यूके की अदालत ने भारतीय बैंकों के पक्ष में अहम फैसला सुनाया गया इस लिए उसकी, सम्पति होंगी सीज भारत का भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या अब मुसीबतें और बढ़ गयी है।
यूके की अदालत ने 13 भारतीय बैकों की संयुक्त अपील पर उनके पक्ष में प्रवर्तन का आदेश जारी किया है।
भारतीय बैंकों को माल्या से 9000 करोड़ रुपये की बकाया रकम वसूलनी है।
विजय माल्या पर धोखाधड़ी और हवाला के भी आरोप हैं।
यूके की हाई कोर्ट ने प्रवर्तन अफसरों को इस बात की इजाजत दे दी है कि वह 62 साल के माल्या की लंदन के पास हर्टफोर्डशायर में स्थित संपत्ति में घुसकर जांच कर सकते हैं।
इस आदेश के बाद प्रवर्तन विभाग के अधिकारी और उनके एजेंट लेडीवॉक और टेविन के ब्रांबले लॉज, वेलविन में भी जा सकेंगे, जहां वर्तमान में माल्या रह रहा है।
हालांकि ये संपत्ति में घुसने का आदेश नहीं है।
इसका मतलब है कि बैंकों के पास ये विकल्प है कि वह इस आदेश का इस्तेमाल करके अपनी बकाया रकम वसूलने के लिए माल्या के पास जा सकते हैं।
26 जून 2018 को जस्टिस बायरन के लिखे आदेश के मुताबिक, हाईकोर्ट के प्रवर्तन अधिकारी, जिसमें प्रवर्तन एजेंट भी शामिल हैं, जो प्रवर्तन अधिकारी के अधीन होंगे, वह लेडीवॉक, क्वीन हू लेन, टेविन, वेलविन और ब्रांबले लॉज समेत लेडीवॉक की सभी बाहरी इमारतों और ब्रांबले लॉज में सर्च और प्रथम आरोपी विजय माल्या के सामान पर नियंत्रण करने के लिए जा सकते हैं।
इस मामले की जानकारी रखने वाले कानूनी अधिकारियों के मुताबिक, हाई कोर्ट की क्वीन बेंच डिवीजन का ये ताजा आदेश भारतीय बैंकों के लिए बड़ी उपलब्धि है।
इससे बैंकों के पास संपत्ति की जांच और प्रवर्तन करने के विकल्पों का अधिकार आ जाता है।
ये आदेश यूके की ट्रिब्यूनल कोर्ट और प्रवर्तन एक्ट 2007 से संबंध रखता है,ये आदेश यूके के हाईकोर्ट के मई महीने में दिए पिछले आदेश से भी जुड़ा हुआ है।
यूके की हाई कोर्ट ने भारतीय कोर्ट के माल्या की संपत्ति जब्त करने के आदेश को सही बताया था।
कोर्ट ने कहा था कि भारतीय बैंकों को पूरा अधिकार है कि वह अपने पैसे की भरपाई करें। ये यूके की हाई कोर्ट में कर्ज वसूली प्राधिकरण के मामले में दर्ज किया गया पहला मुकदमा है।
इस मामले में 13 भारतीय बैंक, जिनमें स्टेट बैंक आॅफ इंडिया, बैंक आॅफ बड़ौदा, कॉर्पोरेशन बैंक, फेडेरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक आॅफ मैसूर, यूको बैंक, युनाइटेड बैंक आॅफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रीकांस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
ये आदेश इन सभी बैंकों को इंग्लैंड और वेल्स में माल्या की संपत्ति में प्रवर्तन का अधिकार देता है।
माल्या ने कोर्ट में बैंकों की अपील के विरोध में अर्जी दाखिल की थी। ये अपील अभी स्वीकृत नहीं की गई है।
विजय माल्या, भारत सरकार से पहले ही करीब 9000 करोड़ रुपये के गबन और धोखाधड़ी के मामलों में मुकदमा लड़ रहा है।
उसने हाल ही में अपने खिलाफ लगे आरोपों को राजनीति से प्रभावित बताया था।