ईद के पुरनूर मौके पर ईदगाहों और मस्जिद कमेटियों से एक अहम अपील

संवाददाता
मोहमद अफजल इलाहाबाद

इर्द के हवाले से ईदगाहों और मस्जिदों की कमेटीयों से एक अहम अपील!!!

ईद के दिन मस्जिदों और ईदगाहों के बाहर हमारी हिफाजत के लिए पुलिस अधिकारी तैनात किए जाते हैं ।अधिकतर पुलिस वाले हमारे शहर के नही बल्कि उनकी ड्यूटी उनके घरों से बहुत दूर दराज इलाकों में लगाई जाती हैं!

आम तौर से ये देखा जाता है कि हम मुसलमान नमाज अदा कर के आपस में मुसाफा और मोआनका कर के अपने घरों को चलते बनते हैं और इन पुलिस अधिकारियों को इस्लामी अखलाक और किरदार से मुतास्सिर करने की फिकर नही करते हैं।
मुसलमानो को सबसे अधिक शिकायत भी इन्ही पुलिस वालों से ही रहती है। मगर वह भी इंसान ही होते हैं। कभी सरकार कभी किसी नेता और कभी अपने आला अधिकारियों के दबाव के आगे वह मजबूर होते हैं।

बताते चलें कि ईद का एक बेहतरीन मौका है हम अपने अखलाह और किरदार से उनको मुतास्सिर करें। उनको मान सम्मान देते हुए ईदगाहों और मस्जीदों के बाहर किसी सायादार जगह पर कुर्सी लगा कर उनके बैठने का इंतजाम कर दें,अगर आसानी से हो सके तो चाय पानी का भी इंतजाम कर दें। उनकी ड्यूटी कई कई घंटे तक लम्बी होती है। इंसानी तकाजे जैसे पिशाब पैखाने का इंतजाम भी कर दें।

हमारे नबी ने हदीया लेने और देने को मोहब्बत बढ़ने का जरिया बताया है। अगर हो सके तो उन पुलिस वालों को गुलाब के फूल और मिठाई आदि भी पेश करें और अपने घर पर उन्हें सेवइयां खाने की दावत भी दें,मेंबर व मेहराब से उनका हौसला बढ़ाने के लिए शुक्रिया के दो मीठे बोल भी बोल दें!

आप के इन छोटे मोटे अमल के बहुत अच्छे नताइज सामने आएंगे इंशाअल्लाह!
अगर आप मेरी बातों से सहमत हैं तो इसे ईद से पहले पहले तमाम मुस्लिम गुरुपों में जरूर शेयर करें!
शुक्रिया।

संवाद
शाहवेज

अंसारी

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