आखिर बरेलवी मसलक से ऐसे क्यों उठी आवाज़ कि सपा का साथ छोड़ दे मुसलमान?

यूपी
संवाददाता
मो अरशद यूपी

बरेलवी मसलक से उठने लगी आवाज सपा का साथ छोड़े मुसलमान

दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन ने दी हिदायत, भाजपा न करे विरोध

उलमा ने चुनाव के समय भी किया था सपा का विरोध

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की बेरुखी के कारण मुसलमानों का पार्टी में भविष्य नहीं है। इसके तर्क देते हुए सुन्नी मुसलमानों को मरकज (केंद्र) से तल्ख आवाज उठी है। बुधवार को दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन ऑल इंडिया तंजीम उलमा- ए- इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने मुसलमानों से सपा के साथ छोड़ने को कहा विकल्प तलाशने और भाजपा का विरोध नहीं करने का सलाह दी।

मौलाना शहाबुद्दीन ने बयान जारी कहा कि मुसलमानों में डर और निराशा है मगर वे सकारात्मक रहें। विश्लेषण करने की जरूरत है कि हम किसके साथ खड़े और कहां जा रहे हैं बसपा अध्यक्ष मायावती ने बीते दिनों कहा कि मुसलमानों ने वोट नहीं दिया वास्तव में मुसलमानों ने सामूहिक रुप से सपा को वोट दिया। इससे पार्टी की ताकत में इजाफा तो हुआ मगर सरकार नहीं बना सकी उन्होंने इसकी वजह अखिलेश यादव को बताया बोले वह अपने समुदाय को एकत्र नहीं कर सके। यादव बहुल 43 क्षेत्रों में भाजपा की जीत इसका प्रणाम है।

मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि मुसलमानों को धर्मनिरपेक्षता का ठेका लेना बंद कर देना चाहिए राजनीति और भागीदारी पर नए सिरे से बात करें। एक खास पार्टी के सहारे रहकर कुछ नहीं मिलेगा। सपा के अलावा दूसरे विकल्प पर विचार करें किसी के खिलाफ होकर दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहिए।

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