पीएम मोदी जी का यह कैसा राष्ट्रवाद है कि पुलवामा में हुए चालीस जवानों की शहादत पर मौन है? आखिर क्या है रहस्य

नई दिल्ली
संवाददाता
पिनाकी मोरे

बड़े ही अफसोस की बात है कि बीते समय पुलवामा में जो खतरनाक वारदात गुजरी पूरा देश दहल गया लेकिन देश के प्रधानमंत्री जनाब मोदी जी अबतक खामोशी में है। कुछ बोलने से परहेज़ किए जा रहे है। आखिर क्या है अंदर की बात ?

मोदी का यह कैसा राष्ट्रवाद है कि पुलवामा में चालीस जवानों की शहादत पर आप मौन हैं? इतनी बड़ी घटना पर क्या अब तक किसी की जवाबदेही तय की गयी? उम्मीद है जाँच तो हुई ही होगी, ताकि भविष्य में वैसी दुबारा गलती न हो। कम से कम जांच हुई है इसकी स्वीकारोक्ति तो आनी ही चाहिए। इतना तो देश को जानने का हक है ही।

पर बावजूद इसके, कि यह हमारे लिए राष्ट्रीय आपदा जैसी थी, फिर भी मोदी ने पुलवामा के शहीदों के नाम पर वोट मांगे। लोकतंत्र के इस विशिष्ट दौर में हम शहादत से भी वोट बटोरना सीख गए हैं। वोट की राजनीति में राष्ट्रवाद कैसे सहायक बन सकता है, इसको हमने देखा भी और समझा भी।

जब विपक्ष में हों तो किसी भी संवेदनशील मुद्दे पर सरकार की ऐसी की तैसी कर दें और जब सत्ता में हों तो मौन साध लें। ग़जब के दोहरे मानक हैं इन नकली राष्ट्रवादियों के।
इतनी बड़ी घटना और इस कदर चुप्पी.आखिर जब मोदी इन शहीदों के नाम पर वोट मांग सकते हैं, तो सैनिकों के परिजनों द्वारा इस संबंध में की गई मांग, की पूरी घटना की जांच की जाय, को पूरी कर उनके साथ न्याय क्यों नहीं कर सकते?
उल्टा अब सत्यपाल मलिक से सबूत मांगे जा रहे हैं। दो हजार की नोट में चिप ढूंढने वाला बिकाऊ मीडिया तो उनका दलाल है ही। सो वह दूसरा नरेटिव गढ़ने में व्यस्त है।

सत्यपाल मलिक जो कि इस समय जम्मू काश्मीर के राज्यपाल थे, के आरोपों को क्या इसी आधार पर खारिज किया जा सकता है कि उन्होंने कोई सबूत पेश नहीं किये? लोग ऐसे सबूत मांग रहे जैसे पुलवामा की घटना हुई ही न हो। जैसे ये अपने चालीस जवान न हों किसी और देश के हों!

भाई अगर मलिक साहब गलतबयानी कर रहे हैं तो उनकी बातों का खुलकर खंडन क्यो नहीं किया जा रहा है? उन पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है?
क्यो उनके बयानों पर चुप्पी साधी जा रही है?
यह बताया जाना चाहिए कि क्या सीआरपीएफ ने गृहमंत्रालय से पांच हवाई जहाज मांगे थे? क्या यह बात सही है?

दूसरी बात क्या सीआरपीएफ के इतने बड़े काफिले का इस तरह सड़क मार्ग से जाना सामान्य व्यवस्था का भाग है या यह व्यवस्था की चूक है?
और अगर चूक है तो इसका जिम्मेदार कौन है? आख़िर इसे तो बताया ही जाना चाहिए, क्या यह बताने के लिए भी सबूत की जरूरत होगी?
मेजर की पत्नी ने पुलवामा कांड का पर्दाफाश किया है जिसके वीडियो भी यहां पेश किए जा रहे है।

संवाद

संजीव शुक्ला

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