क्या दुनिया इंतहाई खतरे में आ चुकी है,खौफनाक हालत का शिकार है ?

अफजल इलाहाबाद

दुनिया इंतेहाई खतरेमें

जब तक गुनाह,बेहयाई चार दीवारी के अंदर होती है तो अल्लाह दरगुज़र करता है,
लेकिन जब बेहयाई सड़कों पर उतरती है तो अल्लाह निज़ाम बदल देता है।

सारी दुनिया खतरे का शिकार है,
अल्लाह ने हया को ईमान का सबसे बड़ा शोबा बनाया है,
अल्लाह ने औरत को पैदा ही परदे में किया है, अल्लाह ने आदम को फरिश्तों से मट्टी का बनवाया, नंगा पुतला, फिर उसमे रूह डाली! अल्लाह चाहता तो हव्वा को भी ऐसे बनाता तो क्या मसला था?
फरिश्तों को औरत मर्द, से क्या मतलब।

लेकिन अल्लाह ने हव्वा को कैसे बनाया अल्लाह के अलावा कोई नहीं जानता!
आदम की आँख खुली तो हव्वा को पूरे लिबास में पाया।
अल्लाह के सिवा
जिसकी वो बीवी हैं, उसको भी नहीं पता के हव्वा को कैसे बनाया।

अल्लाह ने औरत को इतने परदे में रखा है।
पूरे कुरआन में अल्लाह ने किसी औरत का नाम नहीं लिया है,
सिवाय हज़रत मरियम के क्योंकि उनके बेटे ईसा को लोगों ने अल्लाह का बेटा बना दिया। तो अल्लाह ने कुरआन में फ़रमाया के ये मेरा नहीं मरियम का बेटा है।
पूरे कुरआन में एक भी औरत का नाम नहीं सिवाय हज़रत मरियम के!
अल्लाह ने औरत के नाम को भी परदे में रखा है, ये इतना परदे में रखने वाली चीज़ है।

आज बेहयाई आम है, औरत ने घुँगरू बाँध लिए, बेहयाई को अपना फैशन बना लिया! मर्दों के बेग़ैरती का जवाब बेहयाई से देने को ज़िन्दगी बना लिया अपनी।
अल्लाह के रसूल से पूछा गया क़यामत की निशानी बता दीजिये।

आपने कहा जब बेहयाई आम हो जायेगी।
दुनिया का सबसे बड़ा क़ाफ़िर फ़िरऔन था, जिसने कहा के खुदा ही मैं हूँ।
अल्लाह ने उसे पानी में डुबो के मारा लेकिन लूत अलैहिस्सलाम की कौम पे 5 अजाब आये हैं,
वजह थी बेहयाई!

सारी दुनिया बेहयाई के खौफनाक शिकंजे में है, नाच गाना आवारगी आम हो चुकी है। औरतों ने कपडे उतार दिए हैं,
नौजवान की नज़र बेहया हो चुकी है।
हाथों से कुरआन उतर कर गिटार, मोबाइल जैसे अय्याशियों के सामान आ गए हैं।
औरतों को परदे की हिदायत दीजिये, तो मर्दों की बेग़ैरती का हवाला देती हैं।

हाँ मर्दों की नज़रें बेहया हैं, उनमे हया नहीं है, तो कम्पटीशन सिर्फ बेहया मर्दों से क्यों? हयादार मर्द भी हुए हैं, जुनैद बग़दादी भी हुए हैं।
ईमान के लिए, परदे के लिए, मरना तक गवारा करने वाले लोग भी हैं
कम्पटीशन उनसे क्यों नहीं?याद रखिये।

पता नहीं कब अल्लाह की गैरत जोश में आ जाये,
ज़मीन आसमान एक हो जाये, जलजले आ जाएँ, ज़मीन फट जाये।
अच्छे,नेक ईमान वाले भी याद रखें, अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम से कहा तेरी कौम के एक लाख लोगों को पकड़ने वाला हूँ, 40 हज़ार अच्छे हैं, 60 हज़ार बुरे।

हजरत मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा की अल्लाह 40 हज़ार का कसूर क्या है?
अल्लाह ने कहा की ये इन 60 हज़ार को समझा नहीं रहे इसलिए इनको भी पकड़ रहा हूँ।

एक दिन ताऊन का वार किया और 1 लाख लोगों को जमीदोज कर दिया! अल्लाह के वास्ते दूसरों में बेहयाई ढूँढना बंद करिये, खुद के गिरेहबान में झांकिए और खुद को बदलिये!
बेहयाई के ज़िम्मेदार हम भी हैं।
मौलाना इलियास साहब ने कहा था की हम चाहते हैं हमारी बेटियां जहाज़ उड़ाएं,
हमारी बेटियां चाँद पे जाएँ लेकिन परदे में! लेकिन यहाँ समान अधिकार चाहिए तो मर्दों की बेहयाई का।

औरतों में कमियाँ ढूंढने वाले मर्द भी सुने,
और मर्दों की बेग़ैरती का जवाब परदे से निकल कर देने वाली औरतें भी सुने।

अल्लाह ये नहीं सुनेगा की कौन क्या कर रहा था,
अल्लाह ये देखेगा कि तुमने क्या किया है?

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