क्या करोना लॉक डाऊन ने मुंबई के स्कूलों के मैनेजमेंट के विवेक और दिमाग को लॉक किया है ?

रिपोर्टर:-
धड़क कामगार यूनियन और अभिजीत राणे यूथ फाउंडेशन की तरफ जबर्दस्ती वसूली करने वाले स्कूलों के मैनेजमेंट को सबक सिखाया जाएगा।
कोरोना लॉक डाउन ने मुंबई के स्कूलों के मैनेजमेंट की बुद्धि और विवेक को लॉक कर दिया है।
कोरोना की वजह से पिछले कई महीने से स्कूल बंद होने के बावजूद स्कूलों की वसूली आदत नहीं गई है।
इसलिए जल्दी ही धड़क कामगार यूनियन और अभिजीत राणे यूथ फाउंडेशन की तरफ से इन स्कूलों के मैनेजमेंट को सबक सिखाया जाएगा।
राज्य की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ काफी पहले कह चुकी हैं कि लॉकडाउन के दौरान अगर स्कूलों की ओर से फीस मांगी जाती है तो छात्रों के माता पिता इसके खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारियों से शिकायत कर सकते हैं।
सरकार ने 30 मार्च को आदेश जारी किया था कि स्कूल और अन्य शिक्षण संस्थान बंद के दौरान फीस की मांग नहीं कर सकते।
निर्देश के अनुसार लॉकडाउन समाप्त होने के बाद ही स्कूल फीस मांग सकते हैं।
लेकिन स्कूल मैनेजमेंट जबर्दस्ती वसूली के लिए ऑनलाइन क्लास, डिजिटल एजुकेशन का बहाना बना कर पैरेंट्स से वसूली कर रहे हैं।
पैसे नहीं देने पर पैरेंट्स को परेशान किया जा रहा है।
मुझे कई शिकायतें प्राप्त हुईं जिनके अनुसार अभी भी फीस की मांग कर छात्रों के माता पिता को परेशान किया जा रहा है ।
जबकि लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर 31 अगस्त तक कर दी गई है।
धड़क कामगार यूनियन और अभिजीत राणे यूथ फाउंडेशन को स्कूलों की यह दादागिरी बर्दाश्त नहीं है।
हमारी तरफ से जल्दी ही इन स्कूलों के मैनेजमेंट को सबक सिखाकर पैरेंट्स व छात्रों को राहत पहुंचाई जाएगी।