केवल 25 दिनों में पहले माँ और फिर बीमार पिता का साया उठ गया ये 5 यतीम बच्चे जिए तो किसके सहारे ?

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रिपोर्टर.

केवल 25  दिनों में पहले माँ   और फिर बीमार पिता का साया उठ गया ये 5 यतीम बच्चे जिए तो किसके सहारे ?

इसे बदकिस्मती कहे या फिर कुदरत का कहर। पहले सड़क हादसे ने बच्चों से मां छीन ली। फिर बीमारी ने पिता । यह किसी फिल्म की कहानी नहीं,बल्कि गवाल्लेर के श्योपुर  गोहेड़ा गांव  की घटित घटना है। जहां 25 दिन के अंतराल में हुई माता-पिता की मौत के बाद पांचों भाई-बहन  दुर्रे यतीम हो गए है।

यहाँ  बेहद दुखद   जैसी  घटना है क़ि केवल 25 दिन के अंदर  माँ बाप के मरने के बाद भाई-बहनों में सबसे बड़ी कोमल है। ऐसे में 14 साल की नाबालिग कोमल पर अपने भाई बहनों की परवरिश का जिम्मा आ गया है। लेकिन वह इस जिम्मेदारी को कैसे उठा पाएगी ? क्योंकि कोमल तो अभी नासमझ ही है। जबकि कुपोषण से हुई मौतों के मामले में उलझे प्रशासन को अभी इस तरफ देखने की फुर्सत ही नहीं है,

माता-पिता की मौत के बाद कोमल और उसके भाई बहन पूरी तरह बे सहारा से हो गए है। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि इन पांचों भाई-बहनों की परवरिश कैसे होगी और कौन करेगा? क्योंकि गरीबी के बीच जीने वाले पांचों भाई बहनों की दादी नेत्रहीन है। उनके चाचा श्योपुर में रहकर मजदूरी करते है। हालांकि मासूम भाई-बहनों की ऐसी हालत देख  नाना-नानी गोहेड़ा से अपने यहां गांव मठेपुरा ले आए है। मगर नाना-नानी की भी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वे भी इन पांचों भाई-बहनों की अच्छे से परवरिश करेंगे ।

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