एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में घोर लापरवाही, आदिवासी विद्यालय की 5 छात्राएं हुई अचानक बीमार इस समस्या से कब मिलेगी मुक्ति?

लापरवाही

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में गंभीर अनियमितता
एकलव्य आदर्श आवासीय आदिवासी विद्यालय की पांच छात्राएं अचानक बीमार

आनन-फानन में किया गया स्थानीय पीएचसी में भर्ती*
बीएमओ डॉ बाथम और स्टाफ के द्वारा दी गई तुरंत चिकित्सा सुविधा।
अस्पताल पहुंचकर एसडीएम ने लिया बीमार बालिकाओं के स्वास्थ्य का जायजा।

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में लापरवाही और अनियमितता से कब मिलेगी मुक्ति

जुन्नारदेव-
नगर के वार्ड क्रमांक 18 में स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में रविवार की रात को अचानक ही पांच छात्राओं के बीमार होने की खबरों से सनसनी फैल गई।

दरअसल शाम के भोजन ग्रहण करने के उपरांत इन पांच आदिवासी छात्राओं को अचानक ही घबराहट और सांस लेने में दिक्कत आने की शिकायत की गई। इन 5 आदिवासी छात्राओं की बिगड़ती हालत को देखकर स्कूल प्रबंधन ने तत्काल ही स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का रुख करते हुए इन्हें यहां उपचार हेतु भर्ती करा दिया।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद चिकित्सक डॉक्टर मौर्य के द्वारा यहां इन पांचों आदिवासी छात्राओं का तत्काल उचित उपचार किया गया। इसी बीच घटना की जानकारी लगते ही विकासखंड स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रविंद्र बाथम भी अस्पताल पहुंचे और उन्होंने भी स्वयं छात्राओं का उपचार की मॉनिटरिंग शुरू कर दी। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए जुन्नारदेव अनुविभागीय अधिकारी मधुवंतराव धुर्वे देर रात्रि में अस्पताल पहुंचे।

यहां पर उपचाररत इन 5 छात्राओं के उपचार के संदर्भ में उनके द्वारा बीएमओ डॉ रविंद्र बाथम और चिकित्सक डॉक्टर मौर्य से चर्चा की गई। इस बीच आवासीय विद्यालय की इन बीमार बालिकाओं के परिजनो को सूचना प्राप्त होने पर वह दूरस्थ ग्रामों से अस्पताल में पहुंच गए। इन पांच आदिवासी छात्राओं के स्वास्थ्य पर नजर रखते हुए इन्हें देर रात्रि में वापस एकलव्य बालिका छात्रावास में पहुंचा दिया गया है।

इस दौरान एकलव्य बालिका छात्रावास की प्रभारी सरिता परतेती और शिक्षक झारियाजी भी मौजूद थे। यहां पर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की प्राचार्य की अनुपस्थिति को लेकर खासे सवाल खड़े किए गए हैं।

गौरतलब है कि अपनी पदस्थापना के बाद से ही यह यह प्राचार्य विद्यालय का संचालन कथित तौर पर छिंदवाड़ा से ही कर रही हैं। आज की इस बड़ी लापरवाही का कारण प्राचार्य की अनुपस्थिति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

यह है मामला-

नगर के वार्ड क्रमांक 18 में स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में हर शाम की तरह कल रविवार को भी छात्राओं के द्वारा शाम 7:30 से 8 बजे के दरमियान भोजन ग्रहण किया गया, लेकिन कुछ ही देर के बाद यहां 5 छात्राओं के द्वारा अचानक उन्हें घबराहट होने और सांस लेने में दिक्कत होने की शिकायत की गई। इसका संज्ञान लेते हुए एकलव्य बालिका छात्रावास प्रभारी और स्टाफ के द्वारा इन पांचों आदिवासी छात्राओं को पीएससी में उपचार हेतु लाया गया, जहां पर इन्हें प्रारंभिक उपचार देने के बाद देर रात में वापस छात्रावास में पहुंचा दिया गया है, लेकिन चिकित्सकों की सलाह के मुताबिक इनकी लगातार मानिटरिंग आगामी 3 दिनों तक की जाएगी।

इधर छात्रावास की प्रभारी का साफ कहना था कि कड़ी और चावल इत्यादि भोज्य पदार्थों के खा लेने से इन छात्राओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इसीलिए इन्हें अस्पताल में दाखिल किया गया है।

विवादों के घेरे में बना हुआ है एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय-

बीते 2 वर्षों से इस विद्यालय की बागडोर बतौर प्राचार्य के रूप में विद्यावती डेहरिया को प्रदान किया गया है। जनजातीय कार्य विभाग के यह विद्यालय लगातार अनियमितता और लापरवाही को लेकर सुर्खियों में बना रहा है। इस विद्यालय की प्राचार्य पर कथित तौर पर यह आरोप हमेशा से ही लगते हैं कि वह छिंदवाड़ा स्थित अपने निवास से ही इस विद्यालय का संचालन करती जा रही हैं।

कल रविवार की रात को हुई इस बड़ी घटना के दौरान भी उनकी अनुपस्थिति इस बात को सिद्ध करती है कि इस विद्यालय में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इनकी लापरवाही के चलते आज पांच छात्राओं की जान सांसत में फंस गई थी। शासन एवं प्रशासन को इस संवेदनशील मुद्दे पर बड़ी कार्रवाई जल्द की जानी चाहिए। ऐसी अपेक्षा स्थानीय जनप्रतिनिधिगण एवं आदिवासी छात्र एवं छात्राओं के पालकों की भी है।

साभार

बत्रा, संजय जैन & माजिद खान।

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