बिहार में सरकार गिराने, नेताओं को परेशान करने की सारी कोशिशें शुरू, ईडी और सीबीआई की जबरदस्त घेरा बंदी , होगा तगड़ा विरोध

सरकार गिराने , नेताओं को परेशान करने के सभी प्रयास का होगा तगड़ा विरोध
भगवा दंगाई अफसरों को खदेड़ने, भगाने के लिए कमर कस रहे हैं बिहार के युवा।बिहार की 90% जनता भगवा दंगाइयों , नकली राष्ट्रवादियों और देश विक्रेताओं के खिलाफ। दंगाइयों और भाजपाइयों के ब्रह्मास्त्र की काट तैयार कर रहे हैं बिहार के युवा।
बिहार के नेताओं और विधायकों के यहां फर्जी छापामारी करना पड़ेगा महंगा। डराने और ब्लैकमेल करने की हरकतें करने पर होगा अफसरों का घेराव।

बिहार में सत्ता परिवर्तन के दौरान गोदी मीडिया के खिलाफ जमकर हुई नारेबाजी
भाजपा और मोदी के खिलाफ जनता में है भयंकर गुस्सा और नाराजगी
भारी बहुमत के साथ पलटी गई है यहां सत्ता की बाजी

पटना।

बिहार में सफलतापूर्वक भारी बहुमत के साथ सरकार से हटाने के बाद स्थानीय भाजपाई और दिल्ली में बैठे दंगाई भारी सदमे में हैं। हाथ से अचानक ही सत्ता निकलने के बाद हार के गम और प्रतिक्रिया में बदला लेने की साजिश, कोशिश भगवा ब्रिगेड ने शुरू कर दी है। इसको लेकर जनता में नाराजगी है।

सत्ता से बेदखल पार्टी के द्वारा अपने स्तर से ईडी, सीबीआई की कार्रवाई बिहार में कराने के लिए योजना की भनक भी स्थानीय जनता और नेताओं को लग चुकी है । इसलिए उसके खिलाफ भी व्यापक गोलबंदी यहां शुरू हो गई है।

सूत्रों के अनुसार भाजपा का एकमात्र और अंतिम हथियार, उनकी ब्रह्मास्त्र होता है ईडी और सीबीआई की छापेमारी । जिसके तहत वे लोग फर्जी तरीके से ईमानदार नेताओं और अफसरों को परेशान करने के लिए छापेमारीओं का दौर चलाते हैं और मोटी रकम की बरामदगी दिखाकर , उसका चरित्र हनन करते हैं और जनता की नजर में बदनाम कराते हैं ।

भाजपा के इस खेल, गोरख धंधों का पर्दाफाश हो गया है। यह धंधा वे देश के कई राज्यों में चला चुके हैं। इसलिए बिहार की जनता ने उन का कड़ा विरोध करने का निर्णय लिया है।
बिहार जदयू और राजद के लाखों कार्यकर्ताओं, बेरोजगारों एवं अन्य लाखों युवाओं ने नई मोर्चाबंदी , नई गोलबंदी शुरू कर दी है।

इसके तहत बिहार में छापामारी करने वाले अफसरों एवं विभाग का जमकर घेराव किया जाएगा। उनके विरुद्ध नारेबाजी होगी एवं उनको हर फर्जी छापेमारियो में भारी कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। जनता के भारी विरोध को देखते हुए वैसे भी केंद्रीय एजेंसियों के स्थानीय अफसरों के हाथ पांव फूलने भी लगे हैं।

बिहार में , पटना में सत्तारूढ़ दल के नेताओं, मंत्रियों के खिलाफ छापेमारी आसान नहीं होगी। अन्य राज्यों की भांति यहां पर बाहरी अफसरों, बाहरी अपराधियों को बिहार पुलिस भी अपने स्तर से विफल कर देगी । ऐसा निर्देश भी संबंधित पुलिस अफसरों को भेजा जाने लगा है। ईडी के माध्यम से बिहार के शासन प्रशासन के हस्तक्षेप के मामले को बिल्कुल सहन नहीं किया जाएगा।
बरसों की मेहनत के बाद बिहार में आई सीमित आजादी में कोई भी हस्तक्षेप नहीं यहां के लोग बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।

गौर तलब है कि 9 अगस्त को बिहार में सत्ता परिवर्तन के दौरान गोदी मीडिया को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। खुद पटना के सर्कुलर रोड पर समाचार संकलन , कवरेज के लिए आई आज तक वाली अंजना ओम कश्यप को भी भीड़ में भारी हूटिंग और नारेबाजी का सामना करना पड़ा। उनके खिलाफ जबरदस्त जन आक्रोश दिखाई पड़ा। नारेबाजी के कारण वह बिल्कुल खामोश हो गई।

अन्य चैनलों के खिलाफ भी इसी प्रकार की नाराजगी को देखने को मिली । विरोध को देखते हुए कई चैनलों के स्थानीय संपादकों ने वहां पर न्यूज़ कवरेज के लिए बिल्कुल नए रिपोर्टरों, नई लड़कियों को भेजा ।

इसके पहले अग्निवीरों के आंदोलन में भी भ्रामक और फर्जी न्यूज़ दिखाने के विरोध में आज तक के अलावा आधा दर्जन अन्य चैनलों को जनता ने खदेड़ा और उनकी पिटाई भी की गई। इन चैनलों के रिपोर्टरों की अब कोई विश्वसनीयता भी नहीं रही है। कोई इज्जत ही नहीं है । इनको तो लोग भाजपा के पिट्ठू और दलाल मानते हैं और जबरदस्त विरोध करके भगाते हैं।

हकीकत में, बिहार में राजद जदयू का खासा जनाधार है । पूरे राज्य में पिछड़े, अत्यंत पिछड़े ,दलित, यादव, मुसलमान समेत 90% जनता का वोट इन्हीं मंडल वादी दलों को मिलता है। साल 2015 में भाजपा ने अकेले चुनाव लड़ा तो उसे मात्र 52 सीटें मिली थी। इससे उनके असली औकात का पता चलता है। ।

भाजपा निष्पक्ष चुनाव, निष्पक्ष मतदान होने पर कभी भी बिहार में 35, 40 सीटों से अधिक नहीं ला सकती है। उससे अधिक उसके पास जनाधार भी नहीं है। दरअसल बिहार शांतिप्रिय सेकुलर राज्य है। इसलिए यहां पर हिंदू मुसलमान का फार्मूला भी ज्यादा देर तक नहीं चलता है । भाजपा का शीर्ष नेतृत्व और स्थानीय नेता भी इसे जानते हैं कि निष्पक्ष मतदान होने पर उनको 40 से अधिक सीटें नहीं मिलने वाली है।

हाल ही के दिनों में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के कारण लोगों में भाजपा के खिलाफ काफी गुस्सा है और उसके जनाधार में भी काफी कमी आई है । ऐसे में अगर अभी चुनाव होते हैं तो तमाम भाजपाइयों के पसीने छूट जाएंगे। सिर्फ evm ही उसका मैन हथियार रहेगा।अगर भाजपा का दिल्ली दरबार बिहार में ईडी को आजमाने की कोशिशों पर विचार भी कर रहा होगा तो यहां भारी विरोध होगा।

घंटों तक घेराव होगा, नारेबाजी होगी । जनता कई जगह उनका गाली गलौज, लाठी-डंडे और लात जूतों से स्वागत करेगी । जनता में भाजपा सरकार, मोदी और उनके कार्य कलाप के खिलाफ भारी गुस्सा और नाराजगी है । इस गुस्से को कल भी पटना की सड़कों पर देखा गया। यहां पर ईडी की कोई कार्रवाई नहीं करने की बाबत स्थानीय भाजपा के नेता दिल्ली दरबार को बता चुके हैं।

साभार:

आचार्य विष्णु देव शास्त्री
गोरिया मठ , पटना

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