क्रिप्टो साइबर ठगी का मास्टरमाइंड यहां किया गया गिरफ्तार

संवाददाता ,ब्यूरो चीफ

घोड़ासहन के क्रिप्टो साइबर ठगी का मास्टरमाइंड यूपी में गिरफ्तार:फर्जी लोन ऐप से लोगों को फंसाते थे, 50 करोड़ की रकम पाकिस्तान भेजी

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर पुलिस ने बिहार के पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन के दो लोगो को गिरफ्तार कर साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है।

पुलिस ने घोड़ासहन ने साइबर कैफे संचालक गोलू कुमार और उनके पिता भूषण कुमार चौधरी को गिरफ्तार किया है। उक्त दोनो को गिरफ्तारी सोमवार को बलरामपुर के डीबुआ पुल के निकट से हुई है।

पुलिस ने दोनों आरोपियों से एक लैपटॉप, पांच एंड्रॉयड मोबाइल, सात आधार कार्ड और नकदी बरामद की है।पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के अनुसार, गोलू कुमार को दो साल पहले कुछ लोगों ने बाइनेंस आईडी बनाकर साइबर ठगी के पैसों को USDT में बदलना सिखाया। गोलू 10 प्रतिशत कमीशन लेकर इन पैसों को विदेश भेजता था। जांच में पता चला कि अब तक 56,60,311.94 USDT की धनराशि विदेश भेजी गई। यह राशि भारतीय मुद्रा में 50 करोड़ 67 लाख 28 हजार 74 रुपए है।जांच एजेंसियों के अनुसार यह रकम सीधे पाकिस्तानी नेटवर्क के पास पहुंचकर टेरर फंडिंग में प्रयोग हुई है।

एसपी विकास कुमार के निर्देश पर एएसपी/साइबर क्राइम नोडल अधिकारी विशाल पांडेय और सीओ डॉ. जितेंद्र कुमार की देखरेख में टीम जांच कर रही थी। इसी क्रम में साइबर थाना प्रभारी आरपी यादव व थानाध्यक्ष ललिया सत्येंद्र वर्मा की टीम ने सोमवार को डिबुआ पुल से घोड़ासहन निवासी गोलू कुमार और भूषण कुमार चौधरी को पकड़ लिया।

गिरफ्तार दोनो पिता पुत्र को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।गिरोह प्ले स्टोर पर फर्जी लोन ऐप जैसे उधार लोन, रुपे फैक्ट्री, क्यूक लोन और क्रेडिट बी डाउनलोड करवाता था। पीड़ितों से आधार, पैन और बैंक डिटेल लेकर उन्हें फंसाया जाता था। खाते में 1200 रुपए भेजकर मोबाइल से निजी जानकारी ली जाती थी।

रिकवरी एजेंट धमकी देकर 17 दिन में 2000 रुपए वसूलते थे।इससे पहले 26 जुलाई को दिल्ली से सरगना सस्पियर और उसके चार साथी गिरफ्तार हुए थे। एक नेपाली नागरिक की तलाश जारी है जो नेपाल से गिरोह को संचालित कर रहा है। पुलिस टेरर फंडिंग की भी जांच कर रही है।
साभार; डी आलम शेख

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