क्या राहुल गांधी को राजनीति नही आती? जबकि वह सच्चे आदमी की तरह सच्चे लोगों के बीच चले जाते है उन से संवाद करते है भला वो जनता को उल्लू कैसे बनाएंगे?
एमडी डिजिटल न्यूज
वरिष्ठ पत्रकार
देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी और कांग्रेस नेता सांसद राहुल गांधी में जमीनों आसमान का फर्क है। हमारे पीएम मोदी जी बड़े घमंडी है। जनता का दुखड़ा दूर करना उनके खून में नही है। महज झुट्ठे बोलबचन और झूठ की राजनीति करते चले आ रहे है। उलट राजीव गांधी एक सच्चे आदमी है जो जनता की हर संभव हर समस्या को बारीकी से ध्यान देकर उसका हल निकालने में आए दिन प्रयासरत रहते है। सच्चाई को कभी छुपाते नही न किसी से डरते है यही वजह है कि उन्हें ने पिछली दफा भारत जोड़ी यात्रा का मिशन छेड़ सबको चौंका दिया और आज वह देश में ही नही बल्कि विदेशों में भी लोक प्रिय नेता माने जाते है।
ये कहना कहां तक उचित है कि राहुल गांधी को राजनीति नहीं आती? वर्तमान समय में वह असली कुलियों के बीच उनसे मिलने तक चले गए। स्टेशन पर बोझा ढोने वाले कुली की तरह उनके कपड़े पहन लिए। उनके जैसे शूटकेस सिर पर रखकर चल दिए। ऐसे तो किसी को उल्लू नहीं बना पाएंगे।
मोदी जी को देखिए। वे जूते बनाने वाले से मिले जो कि मंत्रालय के अधिकारी की तरह गले में पट्टा डाले है। फिर कपड़ा बदलकर बर्तन वाले मिले। वही पट्टा वाला कर्मचारी नये अवतार में प्रकट हो गया। जनता समझेगी मोदी जमीन से जुड़े हैं। आम लोगों से मिल रहे हैं। लेकिन असल में सबकुछ फिक्स, सब पूर्वनियोजित, सब प्लान्ड और सब फर्जी है एक ड्रामेबाजी है सिर्फ नाटक बाजी ही समझे ।
राहुल गांधी देश के गरीबों से रूबरू मिलते हैं उनका दुखड़ा जानने की कोशिश करते चले आए है । उनका कोई दिखवा या नाटक नही बल्कि दिल से
सबको गले लगाते है ये उनकी सच्चाई है। जोर सच्चे आदमी की तरह सच्चे लोगों के बीच चले जाते हैं। ऐसे में जनता को भला उल्लू कैसे बनाएंगे? क्या गलत करते है ऐसे निडर बेखौफ नेता है वह जो भी बोलना है सबके लिए सदन में तो खुलकर बोलते है बेखौफ है उनका वाजत्व्य ? उन्होंने अपने आपको निडर समझ लिया है और उन्हें अपनी मौत का भी की डर नहीं। भला उनकी ऐसी राजनीति में क्या खोट होगी।
संवाद
पिनाकी मोरे