UPI से इतना क्यों घबरा गया है सुपर पावर अमेरिका?
संवाददाता
बंद होने वाली है वीजा-मास्टरकार्ड की दुकान!
आखिर UPI से क्यों डरा हुआ है सुपरपावर अमेरिका?
फ्रांस में भी अब यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
फ्रांस इस सिस्टम को अपनाने वाला यूरोप का पहला देश बन गया है।
यूपीआई को आजादी के बाद देश के फाइनेंशियल सिस्टम में सबसे क्रांतिकारी कदम बताया जा रहा है।
इससे दुनिया की महाशक्ति अमेरिका और चीन भी बुरी तरह डरे हुए हैं।
वीजा और मास्टरकार्ड जैसी कंपनियों की भी सांसें अटकी हुई हैं।
सरकार यूपीआई को पूरी दुनिया में फैलाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
जापान समेत दुनिया के कई देशों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है।
आज देश में हर दूसरा आदमी यूपीआई का इस्तेमाल कर रहा है।
यूपीआई का डंका देश ही नहीं विदेशों में भी बज रहा है।
कई देश भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम UPI का इस्तेमाल कर रहे हैं।
जल्द ही अफ्रीका और साउथ अमेरिका में भी इसकी शुरुआत हो सकती है।
NPCI ने विदेशी कंपनी एनआईपील ने पेरू और नामीबिया के सेंट्रल बैंकों के साथ यूपीआई जैसा सिस्टम डेवलप करने का समझौता भी कर लिया है।
अफ्रीका और साउथ अमेरिका के कई देशों को भारत UPI के ब्लूप्रिंट देने को तैयार हैं, साथ ही पेरू और नामीबिया में यूपीआई की लॉन्चिंग 2027 में हो सकती है।
एनपीसीआई देश में रिटेल पेमेंट सिस्टम की रेगुलेटर संस्था है। यह देश में यूपीआई चलाती है। अगस्त में 15 अरब यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए हैं। भारत के यूपीआई को विदेशों में पहुंचाने के लिए एनपीसीआई ने एनआईपील का गठन किया था।
एनआईपील की इस समय अफ्रीका और साउथ अमेरिका के 20 देशों के साथ यूपीआई को लेकर वार्ता चल रही है। पेरू और नामीबिया के सेंट्रल बैंकों के साथ हमारी डील इसी साल की शुरुआत में हो चुकी है। ये बैंक 2026 के अंत तक या 2027 की शुरुआत तक अपना यूपीआई जैसा सिस्टम लॉन्च कर सकते हैं।
एनआईपील अन्य देशों के रियल टाइम पेमेंट सिस्टम के साथ गठजोड़ भी कर रही है। इनमें सिंगापुर का पेनाऊ शामिल है। एनआईपील के फिलहाल 60 सदस्य हैं। अब मार्च, 2025 तक इस टीम को बढ़ाया जाएगा। फिलहाल कंपनी के कुछ कर्मचारी सिंगापुर और मिडिल ईस्ट देशों में हैं।
संवाद
एडमिन