RTI द्वारा मांगी जानकारी,पीड़िता ने जिला अस्पताल के नाम लगाया आरटीआई जाने क्या है पूरा मामला?

तकीम अहमद संवाददाता
छिंदवाड़ा

आर टी आई मे मांगी जानकारी जिला अस्पताल के नाम लगाया RTI पीड़िता रूपा साल्वे ने

पीड़िता को न्याय नहीं मिला तो निराहार अनशन पर बैठेंगे समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया

सक्रिय समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने बताया जिला अस्पताल छिंदवाड़ा डॉक्टरो की बड़ी लापरवाही के कारण समाजसेवक निशांत साल्वे 108 एंबुलेंस ऑपरेटर की जान चली गई। घटना 15 मार्च 2023 की है।

निशांत साल्वे जोकि 108 एंबुलेंस ऑपरेटर एवं जागते रहो ग्रुप खून का रिश्ता ग्रुप का सक्रिय रक्तदाता था। वर्तमान में वह सिवनी जिले में कार्यरत था। इनका परिवार छिंदवाड़ा में ही रह रहा है। 15 मार्च को निशांत साल्वे का दिन के समय पर स्वास्थ्य बिगड़ जाने के कारण वह सिवनी से परिवार के पास छिंदवाड़ा आ गया।

एकाएक रात्रि में निशांत की हालत बिगड़ती देख पत्नी रूपा साल्वे ने जिला अस्पताल छिंदवाड़ा में अर्ध रात्रि 11:30 बजे भर्ती करवाने पहुंची.. निशांत के साथ रूपा अकेली थी। रूपा का कहना है कि पति को भर्ती कराने के लिए जब में अस्पताल पहुंची तो आकस्मिक जांच कक्ष में नीरज नामक व्यक्ति जो की वहां पर जांचकर्ता के रूप में मौजूद था।
उसने बिना बीपी एवम् अन्य जांच करें निशांत को पेंटाओप और उल्टी करवाने की गोली दे दिया। जैसे तैसे अकेली रूपा ने निशांत को जिला अस्पताल की पांचवी मंजिल में ले जाकर भर्ती करवाया।

किंतु वार्ड में कोई भी डॉक्टर और नर्स मौजूद नही थे और ना ही किसी ने मरीज की कोई भी सुध बुध लिया। रूपा साल्वे नर्स रूम में जाकर के गुहार लगाते रही किंतु नर्स वहां सोई हुई थी जागने का नाम नहीं ले रही थी। रूपा के हो हल्ला करने के उपरांत एक नर्स आई और उसने निशांत को एक पेंटोप का इंजेक्शन लगाया और नींद की गोली देकर के चली गई। निशांत को दिल का दौरा आया हुआ था।

वह बहुत ज्यादा झटपटा रहा था तड़प रहा था किंतु कोई भी डॉक्टर ने आकर के निशांत की जांच नहीं किया। जिससे उचित समय पर इलाज ना मिल पाने के कारण भर्ती करने के 3 घंटे उपरांत निशांत साल्वे की जान चली गई। निशांत की मृत्यु के उपरांत मरीज के परिजनों ने आकार आकस्मिक जांच कक्ष में चिल्ला चोट किया तो एक कमरे में सो रहे एक बुजुर्ग से डाक्टर आय और जाकर जांच कर निशांत साल्वे की मृत्यु सिद्ध किया। इसके बाद अस्पताल द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र रूपा को दिया गया जिसमे डॉक्टर आशुतोष सूर्यवंशी के हस्ताक्षर मौजूद है।

जो कि उस रात ऑन ड्यूटी होते हुए मरीज को देखने नही आया। प्रमाणपत्र में डॉक्टर द्वारा हार्टअटैक लिखा गया है। अब सवाल खड़ा होता है की जब मरीज को हार्ट अटैक आया था तो पेंटटॉप का इंजेक्शन और नींद की गोली क्या यह उचित इलाज था? जिला अस्पताल में जब मरीज की इसीजी की गई थी तो वह रिपोट नार्मल आई थी। तो किस आधार पर मरीज की मृत्यु हार्ट अटैक से हुई।

संदर्भित विषय की संपूर्ण जानकारी सक्रिय समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने रूपा साल्वे से फोन पर विगत सप्ताह लेने के उपरांत पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए जनसुनवाई में जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक महोदय को लिखित शिकायत दर्ज किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 में शिकायत दर्ज करवाया। इसके उपरांत पूर्व विधायक ताराचंद बावरिया भाजपा कार्यालय परासिया में लिखित शिकायत दी और आज दिनांक 10 अप्रैल को जिला अस्पताल छिंदवाड़ा के नाम में सूचना का अधिकार (आर.टी.आई.) लगाई गई है।
आरटीआई में 15 मार्च निशांत साल्वे को रात्रि 11:30 बजे अस्पताल भर्ती करवाने से लेकर मृत्यु तक का क्या क्या इलाज उपचार किया गया। इसकी सारी डिटेल और इसके साथ ही जिला अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की मांग की गई है।

आपको बता दे कि जिला सिविल सर्जन ने अखबार में अपने स्टेटमेंट में कहा की निशांत साल्वे का बराबर उपचार किया गया है, महिला झूठ बोल रही है. तो यह सब चीजें सीसीटीवी में देखने पर स्पष्ट साफ हो जाएगी कि वास्तव में जिला अस्पताल छिंदवाड़ा में उस रात ड्यूटी पर डॉक्टर नर्स उपलब्ध थे या नहीं थे। निशांत साल्वे का क्या उपचार हुआ क्या नहीं?

समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया का कहना है पीड़िता को यदि न्याय नहीं मिला और दोषियों पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई एवं जिला अस्पताल में सुधार नहीं हुआ तो वे जनहित में कलेक्ट्रेट ऑफिस में निराहार आमरण अनशन पर बैठेंगे।

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