देश के सबसे वायु प्रदूषित शहरों में शामिल बागपत के युवा देंगे जलवायु परिवर्तन से निपटने को सुझाव

नई दिल्ली/बागपत: जलवायु परिवर्तन, जो आज मानवता के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है, उसका समाधान सिर्फ बड़े सम्मेलनों या सरकारी नीतियों से नहीं निकलेगा। इसकी जड़ें आम आदमी और विशेषकर युवाओं की सक्रिय भागीदारी में छिपी हैं। उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर बागपत से शुरू हुई एक पहल इस बात का प्रमाण है। यहाँ के युवाओं को ब्राज़ील में होने वाले कॉप30 सम्मेलन में अपनी आवाज़ उठाने का मौका मिला है, और यह सिर्फ एक स्थानीय प्रयास नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय आंदोलन का संकेत है।

क्यों है यह पहल महत्वपूर्ण?

‘माय भारत’ और ‘यॉन्गो’ (YOUNGO) से संबद्ध उड़ान यूथ क्लब ने ‘ग्लोबल यूथ स्टेटमेंट’ के लिए देश भर के युवाओं से सुझाव आमंत्रित किए हैं। यह दस्तावेज़, जो वैश्विक नेताओं के सामने प्रस्तुत किया जाएगा, जलवायु न्याय, मानवाधिकार, कृषि, स्वास्थ्य और जल संरक्षण जैसे विषयों पर युवाओं की मांगों को संकलित करेगा। यह अपने आप में एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह ग्रामीण भारत के उन युवाओं को एक मंच प्रदान करता है, जो अक्सर वैश्विक चर्चाओं से दूर रहते हैं।

अक्सर, जलवायु परिवर्तन पर होने वाली बहसें बड़े शहरों और अकादमिक हलकों तक ही सीमित रहती हैं। जबकि, सच्चाई यह है कि इसका सबसे गहरा प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों पर पड़ रहा है, जहाँ कृषि और जल संसाधन सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। बागपत जैसे शहर, जो देश के सबसे वायु प्रदूषित शहरों में से हैं, इस त्रासदी का जीता-जागता उदाहरण हैं।

एक नई सोच की ज़रूरत

राज्य युवा पुरस्कार से सम्मानित उड़ान यूथ क्लब के अध्यक्ष अमन कुमार का यह बयान बहुत ही प्रासंगिक है कि “यह सिर्फ एक स्थानीय समस्या नहीं, बल्कि एक वैश्विक चुनौती है।” उन्होंने इस पहल के माध्यम से यह साबित किया है कि बदलाव लाने के लिए भौगोलिक सीमाओं को लांघना ज़रूरी है। यह पहल हमें याद दिलाती है कि जलवायु संकट के समाधान के लिए एक समावेशी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोगों को शामिल किया जाए।

यह समय है जब नीति निर्माताओं को ग्रामीण भारत के युवाओं की रचनात्मक सोच और उनके व्यावहारिक सुझावों पर ध्यान देना चाहिए। यह सिर्फ उनके भविष्य का सवाल नहीं है, बल्कि हमारे साझा भविष्य का सवाल है। बागपत की यह पहल भारत के लिए एक प्रेरणा बन सकती है, जहाँ हर गाँव और हर शहर के युवा इस वैश्विक संवाद का हिस्सा बन सकें और अपनी आवाज़ को बुलंद कर सकें।

SHARE THIS

RELATED ARTICLES

LEAVE COMMENT