इन्हें हम सड़क पर नंगा घुमाएंगे मोदी जी चुप, ऐसे किसने किसको दी धमकी?

विशेष
संवाददाता

तो हम उन्हें

नंगा घुमाएंगे :-

SPG जानते हैं क्या होता है?

Special Protection Group, इसका एक मात्र काम देश के एकमात्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा करना है।

SPG कमांडो प्रधानमंत्री को 360 डिग्री सुरक्षा घेरा प्रदान करते हैं, जो हर समय सक्रिय रहता है, चाहे प्रधानमंत्री कहीं भी हों , ऐसी अभेद्य सुरक्षा में रहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने की पूरी एक प्रक्रिया है।

SPG और अन्य सुरक्षा एजेंसियाँ जैसे IB, स्थानीय पुलिस, आदि मुलाकात करने वाले व्यक्ति की पृष्ठभूमि की गहन जाँच करती हैं। आपराधिक रिकॉर्ड, संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाती है‌ और अनुमति यदि मिल गई और मुलाकात किसी सार्वजनिक जगह पर हो रही है तो SPG कमांडो उस व्यक्ति की पूरी स्क्रीनिंग करते हैं और मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री के आसपास एक बहु-स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाए रखते हैं और चंद सेकेंड की मुलाकात के बाद उस व्यक्ति को प्रधानमंत्री के पास से हटा देते हैं।

देश ही नहीं दुनिया के सबसे उच्च सुरक्षा घेरे में रहने वाले प्रधानमंत्री के जहाज के पास एक व्यक्ति आशुतोष कुमार उनका अभिवादन करने पहुंच जाता है…निश्चित ही SPG की सारी प्रक्रिया के बाद ही वहां पहुंचा होगा और भाजपा के नेताओं और स्वयं प्रधानमंत्री को इसके आने की पूरी सूचना रही होगी।

आशुतोष कुमार बिहार में एक NGO भूमिहार-ब्राह्मण एकता मंच फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। जिसकी स्थापना 5 दिसंबर 2018 को नोएडा (उत्तर प्रदेश) में हुई…यह देश में हर जगह भूमिहार ब्राम्हण एकता के लिए काम करते हैं बाकी NGO की आय कहां से होती है सबको पता ही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने के बाद यह महाशय 19 अगस्त 2025 को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक समारोह में, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व विजय कुमार सिन्हा की मौजूदगी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।

मगर इसके लिए उनकी NGO की भूमिहार-ब्राम्हण एकता का काम काफी नहीं था बल्कि जून महीने में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल की महिला प्रवक्ता सारिका पासवान के बारे में एक ट्वीट किया…इस कारण से यह चर्चा में आए..

दरअसल सारिका पासवान ने रणवीर सेना के प्रमुख रहे ब्रह्मेश्वर मुखिया पर टिप्पणी की जिससे क्रोधित होकर इन्होंने कहा

“सारिका पासवान जैसी ₹100-200 में किसी के साथ रात बिताने वाली सड़क छाप छपरी लौंडियों का विरोध कर उसे नेता मत बनाइए, उसको बताईए कि तुम्हारे पुराने बाप लालू यादव को भरी सभा में खुलेआम ललकारने वाला , उसके मुंह पर डब्बा का दूध फेंकने वाला, और तुम्हारे नये बाप तेजस्वी यादव से भरी सभा में माफ़ी मंगवाने वाला ब्रह्मेश्वर मुखिया जी का पुजारी आशुतोष कुमार आज भी ज़िंदा है। ज़रा होश में रहकर बयान दिया करो अन्यथा साया साड़ी खोलकर सड़क पर घुमा दिया जाएगा”

महिलाओं द्वारा साड़ी के नीचे पहने जाने वाले पेटीकोट को बिहार में “साया” कहते हैं, साड़ी को तो आप जानते ही होंगे।

अब महेश्वर मुखिया

कौन था यह भी जान लीजिए…

1994 में गठित और 1997 में भारत सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम UAPA के तहत प्रतिबंधित रणवीर सेना का संस्थापक था ब्रम्होश्वर मुखिया। यह संगठन बिहार में ठाकुर ब्राह्मण और भूमिहारों का एक हथियार बंद मीलीशिया संगठन था।

ब्रम्होश्वर मुखिया पर 1990 के दशक से 2002 तक बिहार में बथानी टोला नरसंहार (1996) जिसमें 21 दलितों की हत्या , लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार (1997) जिसमें 58 दलितों की हत्या, शंकरबिगहा नरसंहार (1999) जिसमें 23 दलितों की हत्या और सेनारी नरसंहार (1999) जिसमें 34 दलितों की हत्या जैसे कुल 22 मामलों मे 277 दलितों की हत्या का आरोप है।

SIMI पर तो ऐसा कुछ नहीं..

उनका पुजारी आशुतोष कुमार “बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे” के तहत सारिका पासवान को सड़क पर नंगा घुमाने की धमकी देता है, उनके दो छोटे बच्चों के चित्र वायरल कराता है और सारिका पासवान के द्वारा इसके खिलाफ पटना के SC-ST थाने में SC-ST एक्ट के तहत FIR दर्ज कराने के तीन महीने पूरे होने पर बजाय गिरफ्तारी होने के उसे इनाम मिला और वह देश के प्रधानमंत्री के साथ देखा गया और फिर भाजपा में शामिल हो गया।

सोचिए कि यह किस हद तक जातिवादी और सांप्रदायिक हैं। और यह सब करके प्रधानमंत्री “मां” की गाली पर रो रहें हैं और एक बहन को नंगा करके सड़क पर घुमाने की धमकी देने वाले का अभिवादन स्वीकार कर रहे हैं…

कल बिहार बंद फुस्स हो गया तो इसका बहुत बड़ा योगदान भाजपा और प्रधानमंत्री के ऐसे कृत्य का है , जिसे राष्ट्रीय जनता दल की महिला प्रवक्ताओं प्रियंका भारती और कंचना यादव ने पूरे सोशल मीडिया और मीडिया पर पाट दिया।

और मां को गाली दी बैकफायर कर गया..उनके और उनकी पार्टी और गिरोह की दी गई सारे गालियों की खुदाई हो गई और इसका असर यह हुआ कि कल टेलीविजन डिबेट में सारे चैनल बिहार बंद पर पैनल डिस्कशन तक नहीं करा सके।.

अंजू भी

दरअसल इनका सारा चाल चरित्र और चेहरा पिछले 10 सालों में दुनिया के सामने आ चुका है, इनकी लोकप्रियता की ढोल फट चुकी है, यह कैसे चुनाव जीतते हैं सब सामने आ चुका है… मुल्ले बस चुपचाप तमाशा देखें, अपनी ओर से कोई मौका ना दें।

मेरा देश बदल रहा है आगे बढ़ रहा है।

साभार;पिनाकी मोरे

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