अमेरिका पर टैक्स लगा दिया इस मुसलमान ने

संवाददाता
मो अफजल

क्या आप जानते हैं कि विश्व इतिहास में अमेरिका पर टैक्स लगाने वाला पहला व्यक्ति एक मुसलमान था?

उनका नाम था ग़ाज़ी हसन पाशा, जिनका जन्म 1714 में अल्जीरिया में हुआ और 1790 में उनका इंतेक़ाल हो गया। उन्हें ‘शेर वाला पाशा’ के नाम से भी जाना जाता था।

उन्होंने उस्मानिया सल्तनत के लिए कई क्रांतिकारी कार्य किए, जिनमें से कुछ खास बातें यहाँ बता रहा हूँ।
ग़ाज़ी हसन पाशा ने अपनी जवानी में ही एक स्पेनिश युद्धपोत पर कब्जा कर लिया और उसका मालिक बन गए। इस घटना ने उनकी बहादुरी की कहानियों की नींव रखी।

उन्हों ने भूमध्य सागर में कई अमेरिकी युद्धपोतों पर कब्जा किया और उन्हें डुबो दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने अमेरिका पर कर लगाया। उस्मानिया सल्तनत दुनिया का पहला और एकमात्र साम्राज्य था, जिसने अमेरिका पर कर लगाया। इससे परेशान होकर अमेरिका को उनके साथ त्रिपोली की संधि करनी पड़ी, जो अमेरिकी इतिहास में किसी विदेशी भाषा में लिखी गई पहली और एकमात्र संधि थी।

इस संधि के तहत अमेरिका को 642,000 तुर्की स्वर्ण सिक्कों का भुगतान करना पड़ा, साथ ही हर साल 12,000 स्वर्ण सिक्के देने पड़ते थे। ग़ाज़ी हसन पाशा की एक खास बात यह थी कि उन्होंने अल्जीयर्स में एक शेर को पालतू बनाया था। यह शेर उनके साथ दुश्मन के जहाजों पर हमला करने के दौरान हमेशा मौजूद रहता था।

हसन पाशा ने केवल तीन साल में एक आधुनिक तुर्की नौसेना बेड़े का निर्माण किया। आज जो तुर्की की नौसैनिक अकादमियाँ हैं, उनकी नींव भी उन्होंने ही रखी थी। इसके अलावा, उन्होंने कई मस्जिदें और स्कूल भी बनवाए। ग़ाज़ी हसन पाशा की कोई संतान नहीं थी। 1790 में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

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