सीमा क्षेत्र में सांस्कृतिक संवाद का सेतु बने युवा – पांच राज्यों के युवाओं ने जाना सीमांत जीवन का असल चेहरा
सीमा क्षेत्र में सांस्कृतिक संवाद का सेतु बने युवा – पांच राज्यों के युवाओं ने जाना सीमांत जीवन का असल चेहरा
पिथौरागढ़: नेहरू युवा केंद्र द्वारा आयोजित युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा से आए युवाओं ने हाल ही में भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र का भ्रमण कर न सिर्फ सीमांत जीवन को करीब से समझा, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से राष्ट्रीय एकता की नई मिसाल भी पेश की।
यह अध्ययन यात्रा केवल भ्रमण नहीं, बल्कि अनुभव, सहभागिता और सीख का सशक्त माध्यम साबित हुई। नेहरू युवा केंद्र के सहायक निदेशक योगेश कुमार के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में युवाओं ने धारचूला क्षेत्र में भारत-नेपाल सीमा का अवलोकन किया और स्थानीय लोगों से संवाद स्थापित कर उनकी जीवनशैली, चुनौतियों और संस्कृति को गहराई से जाना।
युवाओं को उत्तराखंड की समृद्ध रं संस्कृति, स्थानीय बोली-बानी, रीति-रिवाज और पारंपरिक जीवनशैली से भी अवगत कराया गया। डॉ. किशोर पंत, निदेशक, अभिलाषा एकेडमी, ने प्रतिभागियों को क्षेत्र की जैव विविधता, प्रमुख चोटियों, नदियों और वन्य जीवन की जानकारी दी। उन्होंने युवाओं को वनाग्नि विहीन हिमालय अभियान के बारे में जागरूक कर प्रकृति संरक्षण की जिम्मेदारी से भी जोड़ा।
कार्यक्रम के अंतर्गत युवाओं ने नेपाल भ्रमण भी किया, जहां उन्हें भारत-नेपाल के गहरे सांस्कृतिक संबंधों की ऐतिहासिक और समसामयिक जानकारी दी गई। सीमा क्षेत्र के जनजीवन ने युवाओं को गहराई से प्रभावित किया – वे न केवल भावुक हुए, बल्कि सीमावर्ती जीवन की सराहना और समझ के साथ लौटे।
प्रमुख प्रभाव और निष्कर्ष:
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राष्ट्र की सीमाओं को नज़दीक से देखने और समझने का मौका मिला, जिससे युवाओं में सुरक्षा, एकता और जागरूक नागरिकता का भाव मजबूत हुआ।
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सीमांत संस्कृति से परिचय ने स्थानीय जीवन के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान विकसित किया।
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भारत-नेपाल के सांस्कृतिक संबंधों की अनुभूति ने अंतरराष्ट्रीय सद्भाव और पड़ोसी देशों से मैत्रीपूर्ण संबंधों के महत्व को रेखांकित किया।
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प्राकृतिक संसाधनों और जैव विविधता की समझ ने युवाओं को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रेरित किया।
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युवा नीति और विकास कार्यक्रमों से जुड़ाव बढ़ा, जिससे प्रतिभागियों में नेतृत्व क्षमता का विकास हुआ।