इस बार के विधान सभा और लोकसभा चुनाव के मद्दे नजर सभी वर्गो के लिए मुफ्त की शिक्षा का वादा कांग्रेस पार्टी द्वारा किया जा रहा है,अगर पार्टी इस दिशा में काम को तवज्जो देना चाहती है तो ये शिक्षा के अधिकार कानून का अगला कदम होगा,जिसका स्वागत किया जाना जरूरी है

विशेष संवाददाता

कांग्रेस इन चुनावों में सभी वर्गों के लिए मुफ्त शिक्षा का वादा कर रही है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ये वादा किया जा चुका है। अगर पार्टी इस दिशा में बढ़ती है तो यह शिक्षा के अधिकार कानून का अगला कदम होगा। इसका स्वागत किया जाना चाहिए।

आदमी की जितनी जरूरतें हैं ​उनमें भोजन के बाद शिक्षा सबसे अहम मुद्दा है। एक बच्चे को अगर शिक्षित बना दीजिए तो अपना जीवन वह खुद बना लेता है।
कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान शिक्षा का अधिकार कानून बनाया गया था, जिसमें 14 साल तक शिक्षा सरकार की जिम्मेदारी थी। ये घोषणाएं उसी का अगला और अच्छा कदम हैं।

कल्याणकारी राज्य का सिद्धांत है कि नागरिकों के लिए रोटी, कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी जरूरतें राष्ट्र-राज्य की जिम्मेदारी हैं। यह काम कांग्रेस ने किया है और वही आगे भी करेगी। भाजपा इस बारे में कभी सोचती ही नही है बल्कि इन बातों से बिलकुल परे है।

गौर तलब कीजिए कि सबिका वजीर ए आज़म मनमोहन सिंह जी ने शिक्षा का अधिकार, भोजन का अधिकार, सूचना का अधिकार, रोजगार गारंटी, आदिवासियों के लिए वनाधिकार कानून बनाए। उनके दस साल के कार्यकाल में जनता को कई नये अधिकार ​मिले। भाजपा ने या तो उन कानूनों को कमजोर किया या फिर उन्हें डस्टबिन में डाल दिया। जैसे सूचना का अधिकार और लोकपाल कानून में संशोधन करके उनकी लंका लगा दी। शिक्षा के अधिकार को ढीला छोड़ दिया गया।

भाजपा देश के बारे में नहीं, सिर्फ अपने बारे में सोच रही है उसको केवल कुर्सी की फिक्र पड़ी है।। जनता को नफरत की घुट्टी पिलाओ और अपने फाइव स्टार दफ्तर बनवा लो, पार्टी को चांद तक फैला लो, कभी न हारने का जुगाड़ बना लो, अडानी को दुनिया में सबसे अमीर बना लो। भाजपा इससे आगे नहीं सोच सकती।

संवाद: पिनाकी मोरे

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