इस गढ़ में आगामी विधान सभा चुनाव में रहेगा कॉन्ग्रेस पार्टी का पलड़ा भारी यही वजह है कि कांग्रेस से अपना गढ़ बचाने में अभी से ही बीजेपी की सांसे फूल रही है
एमपी
बुंदेलखंड से एमडी न्यूज चैनल टीम
जिला ब्यूरो चीफ
मनोज डोंगरे और जिला ब्यूरो तकीम अहमद की रिपोर्ट
.बुंदेलखंड में विधानसभा चुनाव का तांडव, भाजपा कांग्रेस को स्थानीय एंटी इंकमबेंसी का डर: कांग्रेस से अपना गढ़ बचाने में भाजपा की सांसे फूली.।
मध्य प्रदेश में इसी साल आगामी होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अपने सबसे कमजोर इलाकों में से एक बुंदेलखंड इलाके पर खास नजर टिकी हुई है। यही वजह है कि पार्टी के तमाम नेताओं की सक्रियता इस इलाके में बढ़ रही है।
बुंदेलखंड राज्य का वह इलाका है, जिसमें विधानसभा की 230 सीटों में से 29 सीटें आती है। इस वक्त इनमें से 19 सीटों पर भाजपा का कब्जा है। तथा 8 स्थानों पर कांग्रेस के विधायक हैं और सपा-बसपा के पाले में महज एक-एक सीट है। सपा विधायक ने साथ छोड़ कर भाजपा के पाले में आने का इरादां किया है ।
कुल मिलाकर कांग्रेस के मुकाबले भाजपा की स्थिति काफी मजबूत है।
बुंदेलखंड क्षेत्र में कभी कांग्रेस के पास कद्दावर नेता के तौर पर सत्यव्रत चतुर्वेदी जैसे भरोसेमंद नेता हुआ करते थे, मगर वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने राजनीति से पूरी तरह किनारा कर लिया है। इस इलाके में फिलहाल कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है। दूसरी ओर, इस इलाके से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा सांसद हैं तो प्रह्लाद पटेल मोदी सरकार में मंत्री हैं। उमा भारती भी इसी क्षेत्र से आती हैं। इसके अलावा, शिवराज सरकार में 5 प्रमुख मंत्री इस इलाके से आते हैं।
कांग्रेस इस इलाके में आगामी चुनाव में बढ़त हासिल करना चाहती है, लिहाजा उसके नेताओं की सक्रियता बढ़ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उन इलाकों का दौरा कर गए हैं, जिन सीटों पर कांग्रेस कई बार से हार रही है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से संवाद भी किया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव भी इस क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं।
यादव पिछड़े वर्ग का बड़ा चेहरा हैं और उनके समर्थकों की तादाद भी इस इलाके में काफी और मजबूत है। बताते है कि इस इलाके का बीते एक माह में दो बार दौरा कर चुके हैं और इस दौरान उन्होंने तमाम नेताओं के साथ बैठके की, सभाएं की और संवाद भी किया।
मांआना
जबकि मध्य प्रदेश के हिस्से में बुंदेलखंड क्षेत्र के कुल सात जिले आते हैं : सागर, दमोह, टीकमगढ़, पन्ना, निवाड़ी, छतरपुर और दतिया। बता दे कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस सत्ता के करीब पहुंच गई थी, तब भी उसे इस इलाके में ज्यादा सफलता नहीं मिली थी। यही कारण है कि अगले चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने के लिए इस क्षेत्र पर कांग्रेस की खास नजर बनी हुई है
है।