अपने कानून को लागू कर अदालतें खुलवाने में बरसों पूर्व से क्यों है नाकाम राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग खुद , अपना ही क़ानून लागू करवाकर, मानवाधिकार अदालतें खुलवाने में 29 सालों से अभी तक नाकाम है , अख्तर खान अकेला
ब्लाइंड साथियों की पढ़ाई में मदद के लिए, वॉइस डोनेशन से उनके पाठ्यक्रम उन तक पहुंचाकर मदद करे।

डॉक्टर दीपक श्रीवास्तव

कर्तव्यों, अधिकारों, के समन्वय , सामंजस्य, जिओ ओर जीने दो के सिद्धांत के आधार पर, मानवाधिकार पैदा होता है , ओर ऐसा माहौल अगर बन जाये , तो यही राम राज्य कहलाता है,। ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव मानवाधिकार कार्यकर्ता , वरिष्ठ वकील अख़्तर खान अकेला नें कोटा सेंट्रल लाइब्रेरी में आयोजित राष्ट्रीय मानवाधिकार विषय पर आयोजित सेमिनार ,गरीमा स्वतंत्रता और सभी के लिए न्याय विषय पर कहा,

राष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून के तहत खुद आयोग , जिलों में मानवाधिकार न्यायालयों की स्थापना 29 साल में नहीं करवा सका है, अख़्तर खान अकेला ने कोटा कोचिंग में छात्र छात्राओं की आत्महत्या सीरियल पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा , राष्ट्रीय, राज्य मानवाधिकार आयोग , राष्ट्रीय, राज्य बाल आयोग को इस मामले में कठोर क़दम उठाकर , लिखित गाइड लाइन जारी करना ज़रूरी है।

इस मामले में बच्चों में अनावश्यक, ज़ोर ज़बरदस्ती , उपेक्षा, प्रतियोगी निराशावाद का माहौल बनाने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही हो, अख्तर खान अकेला ने कहा अपराध गठित होते देख गवाही में ना नुकुर करने, पुलिस की अनुसंधान में मदद नहीं करने और मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयानों के बाद भी पीड़िता, या कोई भी गवाह अगर पूर्व लिखित बयानों से मुकरता है, तो उसे कठोर सजा मिलना चाहिए, अख़्तर खान अकेला नें कहा मानवाधिकार किसी व्यक्ति, समाज या सिर्फ मानव के लियें ही नहीं बल्कि यह सृष्टि के लियें है ।

इसीलियें पशुओं, पक्षियों, पेड़ , पौधों को संरक्षित करने के साथ उमके भी जीवन के अधिकार है, जिनके उलंनघन पर सज़ा का प्रावधान है, अख़्तर खान अकेला ने कहा गीता , क़ुरआन, बाइबिल, गुरुवाणी, जैन धर्म ग्रन्थ, सभी मानवता की शिक्षा देते हैं , भगवान राम , पैगम्बर मोहम्मद रसूल सल्लल्लाहु अलेह वसल्लम, जीसस , भगवान महावीर, गुरु गोविंद सभी ने मानवाधिकार संरक्षण और जियो जीने दो का संदेश दिया है,

फिर हम विकृत राजनीतिक बिगड़ी व्यवस्था में वोटों के लियें नेताओं के बहकावे में आकर झगड़े फसाद , नफरत का माहौल बनाते है, धर्म के नाम पर अधर्म फैलाते हैं , ऐसे में हमें भारत की संस्क्रति , अपने अपने धर्मों के मूल भाव, संविधान में मील अधिकार, कर्तव्यों की जिम्मेदारियों को समझे उनमें सामन्जस्य समन्वय पैदा कर , देश में एक दूसरे के दुश्मन बनने की जगह मददगार बन मानवाधिकार लागू करें और देश की संस्क्रति को फिर से पुनर्जीवित कर देश को सारे जहां से अच्छा, मेरा भारत महान बनाएं, गरिमा स्वतंत्रता , और सभी के लिए न्याय , विषय पर , पाठक संवाद इस कार्यशाला में ,, राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय के मंडल , पुस्तकालयाध्यक्ष डॉक्टर दीपक श्रीवास्तव ने इस संवाद कार्यक्रम में आयोजन अध्यक्ष पद से बोलते हुए कहा , के मानवाधिकार ,, आम लोगों में सुरक्षा का भाव , एक दूसरे की मदद का जज़्बा ,, शांति और सद्भाव , न्याय का संदेश देता है।

प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है के वोह इस मामले में , हर वर्ग , हर समाज के हर आयु वर्ग , के लोगों के साथ बिना किसी लैंगिक भेदभाव के मदद के जज़्बे के साथ इंसाफ करे । डॉक्टर दीपक श्रीवास्तव ने , बताया कि अपनी आँखों की रौशनी नहीं होने के बावजूद भी जो लोग पढ़ना चाहते हैं , पढ़ते है कोशिशें करते हैं उनके जज़्बे को सलाम ।

उन्होंने कहा कोटा संभागीय मंडल पुस्तकालय में ऐसे लोगों के लिए बेहिसाब सुविधाएं हैं । इसका लाभ ऐसे कई लोग रोज़मर्रा पुस्तकालय में ले रहे हैं। डॉक्टर दीपक श्रीवास्तव ने कहा के मानवाधिकार की मर्यादाओं को हमे समझते हुए अपने कर्तव्यों की पालना में ऐसे ब्लाइंड लोगों के लिए उनकी जिज्ञासा उनके अध्ययन पाठ्यक्रम में मदद के लिए आवाज़ दान देने यानी वॉइस डोनेशन का काम करने का पुनीत कार्य करना चाहिए ।

डॉक्टर श्रीवास्तव ने बताया कि हमने पाठकों और मददगारों के ज़रिये ऐसे लोगों के लिए उनकी आवाज़ में कोई जानकारी कोई भी पाठ्यक्रम रिकॉर्ड करके उन्हें देने का अभियान चलाया है डॉक्टर श्रीवास्तव ने , ब्लाइंड लोगों के लिए इस मदद को वॉइस डोनेशन का नाम देते हुए कहा के प्रत्येक व्यक्ति को एक चेप्टर अपनी आवाज़ में रिकॉर्ड कर ऐसे लोगों तक पहुंचाकर मदद करना चाहिए ।
ताकि यह लोग पढ़ सकें इसका फायदा उठा सकें , और अपने मक़सद में कामयाब हो सकें।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अख्तर खान अकेला थे। जबकि अध्यक्षता डॉक्टर दीपक श्रीवास्तव मंडल पुस्तकालयाध्यक्ष ने की। इस मौके पर,अध्यक्षता कर रहे अंतर्राष्ट्रीय कलाकार ऍन डी शर्मा दीप ने उपस्थित लोगों की फरमायश पर आवाज़ से घुंघरू, चलती ट्रेन की आवाज़ सहित कई मनोरंजक गुदगुदाने वाले कार्यक्रम प्रस्तुत किये ।

इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि कौशल किशोर मीणा बारां पुस्तकालयाध्यक्ष , कार्यक्रम संयोजक शशि जेन, परामर्शदाता डब्ली जैन ने भी अपनी प्रस्तुति पेश की । इस अवसर पर सवाल जवाब शृंखला में अक्षिता गौतम , सुकन्या श्रंग्घि , कपिल देव , अनुराग मीणा , अरविन्द जांगिड़, दक्ष गौतम , दीपक नामदेव , अपेक्षा चतुर्वेदी , रोहित कुमार त्यागी , उमेश राठोड , लोकेश प्रजापति , शिव प्रताप ,सिंह लखन मीणा, सचिन मीणा , अनवार अहमद ने अतिथियों से ज्वलंत मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय राष्ट्रिय क्षेत्रीय मुद्दों पर मानवाधिकार क़ानून , न्याय निर्णयों को लेकर सवाल जवाब किये। कार्यक्रम के प्रंबधन अजय सक्सेना रोहित नामा ने किया ।, इसके पूर्व अतिथियों ने माँ शारदा के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया । कार्यक्रम के समापन के बाद मानवाधिकारों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के लिए अतिथियों को प्राइड मेडल से नवाज़ा गया ।

संवाद
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान।

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