निम्नलिखित पोस्ट में प्रार्थी कुछ घटनाओं से रूबरू करना चाहता है,ताकि दूध में किस हद तक पानी मिलाया गया है?जाने ,आखिर इन सबकी मंशा क्या है?

निम्नलिखित पोस्ट में प्रार्थी आपको 10ऐसी तथाकथित घटनाओं से रूबरू करने जा रहा है, ताकि आप समझ सकें कि दूध में पानी कितना है। हालांकि, 1926 से लेकर आज तक की इस तरह की घटनाओं की अगर शोधपूर्ण लिस्ट बनाई जाए तो कम से कम 2000 (अंकन दो हजार) घटनाओं की लिस्ट आराम से तैयार की जा सकती है।

फिलहाल 10 खास और ताजा घटनाएं

1-जेएनयू में ब्राह्मण, बनिया विरोधी नारे लिखे गए। इस घटना की अभी जांच नहीं हुई।
2-अयोध्या में लुंगी, ढीला कुर्ता, जाली दार टोपी पहने हुए तीन लड़के एक मंदिर में घुसते हैं, मूर्ति को अपवित्र कर देते हैं। भाग जाते हैं लेकिन मामला सम्वेदनशील था, इसलिए सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी पकड़े जाते हैं। वे एक संगठन के वर्कर होते हैं। दो छोरे ब्राह्मण देवताओं के होते हैं, एक दलित होता है। और यह योगी बाबा की पुलिस बताती है कि इन लोगों ने दंगे भड़काने के लिए मंदिर को अपवित्र किया था, मुसलमान जैसे पहनावे पहनकर।

3-प्वाइंट नम्बर दो से मिलती जुलती घटना असम के तेजपुर में घटित होती है। फर्क केवल इतना था कि अयोध्या में तीन लोग पकड़े गए,और असम में पांच।

4-प्वाइंट नम्बर दो से मिलती जुलती घटना असम के ही तिनसुकिया में होती है। यहां आरोपी तीन ही होते हैं, अयोध्या की तरह।
5-पश्चिम बंगाल के हुबली में 15-20 लोग अचानक सड़क पर आकर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने लगते हैं। उनके हाथ में पाकिस्तान का झंडा भी होता है। ये लोग 10-15 मिनट तक सड़क पर उत्पात मचाते हैं, फिर भाग जाते हैं। सीसीटीवी फुटेज की मदद से 16 लोग गिरफ्तार होते हैं। सभी के सभी एक संगठन विशेष के कार्यकर्ता होते हैं। उनका मकसद दंगे भड़काना होता है। क्या ये भी बताना पड़ेगा कि गिरफ्तार किए गए सभी लोग गैर मुस्लिम होते हैं?

6-प्वाइंट नम्बर 5 में वर्णित घटना जैसी ही एक घटना ओडिशा के कटक में होती है,तकरीब 23 लोग गिरफ्तार किए जाते हैं। 23 के 23 सवर्ण। सभी एक संगठन के कार्यकर्ता पाए जाते है।
7-कर्नाटक के हुबली में एक मस्जिद के बाहर सुअर का कान पड़ा मिलता है। कर्फ्यू लगने की नौबत आने से पहले ही पुलिस आरोपी को पकड़ लेती है। यह व्यक्ति एक संगठन का पदाधिकारी होता है।

8-हैदराबाद में एक मदरसे पर सुबह सुबह पाकिस्तान का झंडा फहराता दिखता है। जांच होती है तो पाया जाता है कि ये कारनामा दो सगे भाइयों ने किया था। दोनों ब्राह्मण, दोनों ही एक संगठन के पदाधिकारी। मकसद दंगे भड़काना।
9-प्वाइंट नम्बर आठ में वर्णित घटना जैसी ही घटना कर्नाटक के हुबली में होती है। तीन लोग गिरफ्तार होते हैं, तीनों हिन्दू। तीनों एक संगठन के सदस्य।

10-पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में 11 लड़के एक ट्रेन पर पथराव करते हैं। लुंगी, जालीदार टोपी, कुर्ताधारी लड़के। पकड़े गए तो इन में कोई मुस्लिम नही बल्कि सभी गैर मुस्लिम निकले। सभी एक संगठन के सदस्य। सभी ने करीब महीने भर तक भूमिगत रहकर दाढ़ी बढ़ाई थी। मकसद सीएए विरोधी आंदोलन को बदनाम करना था।
लिखित घटनाओं का क्रम उनके घटने के क्रम के अनुसार ही तय किया गया है।

संवाद
हरिबोल,

एक देश भक्त।

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