ये तस्वीर लखनऊ की किसी तवायफ की है,जिसको दरोगा अली अब्बास ने सन 1870..74 इस्वी के बीच किसी वक्त उतारा था हो सकता है ये वही उमराव जान हो सकती है?
उर्दू का एक उपन्यास है ‘उमराव जान अदा’। इसे मिर्ज़ा हादी रुस्वा ने लिखा था। मिर्ज़ा का समय 1857-1931 के बीच ठहरता है। वह लखनऊ…
पीढ़ी में एक बार आने वाला है यह क्षण , कैच दे रैन 3.0के अंतर्गत प्रौद्योगिकी से जल साक्षरता बढ़ाने के प्रयास, जानिए जल संरक्षण पर क्या बोले अमन कुमार?
कैच दे रेन 3.0 के अंर्तगत प्रौद्योगिकी से जल साक्षरता बढ़ाने के प्रयास। जल संरक्षण पर बोले अमन: पीढ़ी में एक बार आने वाला है…