2002के गुजरात दंगों के जिम्मेदारों को सख्त सजा दिलाने में तंत्र रहा नाकाम? किसने कहा? जाने

भारत में सजा से मुक्ति का यह तरीका : श्नेक

अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने श्नेक के हवाले से कहा कि 2002 के गुजरात दंगों के जिम्मेदारों को सजा दिलाने में तंत्र नाकाम रहा है। उन्होंने इसे भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में लिप्त लोगों को सजा से मुक्ति दिलाने का एक तरीका करार दिया। 

गुजरात सरकार की हो रही आलोचना

उधर, बिलकिस बानो केस के दोषियों की रिहाई के फैसले को लेकर गुजरात सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है। हालांकि, यह फैसला राज्य सरकार की 1992 की कैदियों की जल्दी रिहाई नीति के तहत लिया गया है।

इस बीच, गुजरात सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि हत्या व सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों को रिहाई की संशोधित नीति के तहत जेल से छोड़ा नहीं जा सकता है। संशोधित नीति 2008 से ही लागू हुई, उसी वक्त इन दोषियों को सजा सुनाई गई थी।  लेकिन मोदी के पीएम बनने की वजह से अल्प संख्यक जैसों के लिए इनसाफ की डगर काफी मुश्किल लग रही है,ये बात अब मोदी राज की वजह से सर्वविदित है। जहां दिशियोंके खिलाफ इंसाफ की कड़ी लड़ाई लड़ना अल्पसंखकों के लिए आसान नहीं।

संवाद


पत्रकार शेरखान

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